रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने जनता कांग्रेस (जोगी)और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी गठबंधन में पड़ी दरार को लेकर कटाक्ष कर कहा है कि सत्तालोलुपता के चलते हुए इस अनैतिक गठबंधन का यही हश्र होना था।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने एक वक्तव्य में कहा है कि जोगी कांग्रेस से हुए गठबंधन के मुताबिक भाकपा को दो सीटें मिली थीं लेकिन शनिवार को तीन और सीटों पर चुनाव लडऩे के ऐलान के साथ भाकपा ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारकर गठबंधन-धर्म को धता बताने का काम किया है। हालांकि यह जकांछ-भाकपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन सिर्फ भाजपा-विरोध की मानसिकता लेकर किए गए गठबंधन की उम्र इतनी ही थी। श्री सुंदरानी ने कहा कि सिद्धांतों और काडर की बातें करने वाली भाकपा का मूल राजनीतिक चरित्र सत्तापिपासा से प्रेरित ही रहा है और अपने इसी राजनीतिक चरित्र के चलते सिद्धांतों को ताक पर रखकर अपने सहयोगी दलों के साथ वह ऐसा ही बर्ताव करती रही है। राजनीतिक आतंक और तानाशाही प्रवृत्ति के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी ऐसे ही राजनीतिक चरित्र का परिचय देते रहे हैं। सत्तालोलुपता के समान राजनीतिक चरित्र के धरातल पर महज भाजपा विरोधी दुराग्रह के साथ यह अनैतिक गठबंधन हुआ था, जिसका हश्र आखिरकार वही हुआ, जिसकी आशंका भाजपा पहले ही जता चुकी थी।
श्री सुंदरानी ने कहा कि जकांछ-बसपा गठबंधन चुनाव जीतने के जिन हसीन ख्वाबों में जी रहा था, भाकपा के इस रवैए ने उस गठबंधन को आईना दिखा दिया है। बेमेल अनैतिक गठबंधन के इस कटु यथार्थ को भांपकर ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पहले कांग्रेस और फिर जोगी कांग्रेस से किनारा कर लिया है क्योंकि कांग्रेस और जोगी एक तरह से सत्तावादी राजनीतिक अहंकार के चलते अपनी मनमानी शर्तें लादकर गठबंधन धर्म की सौजन्यता निभाने के बजाय दूसरे दलों को अपना गुलाम बनाने की सोच रखते हैं।