आपराधिक रिकार्ड, व्यय और मीडिया प्रमाणन समेत विभिन्न विषयों पर राजनीतिक दलों से बैठक में हुई चर्चा

रायपुर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने आज राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठककर निर्वाचन संबंधी विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को निर्वाचन की घोषणा के साथ लागू आदर्श आचार संहिता से संबंधित विभिन्न पहलुओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत सीधे आम जनता द्वारा प्राप्त करने के लिए बनाए गए सी-विजिल एप की जानकारी दी। बैठक में भारतीय जनता पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) और बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री साहू ने बैठक में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्वाचन के अभ्यर्थी को अपनी आपराधिक रिकार्ड की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इसके लिए उसे समाचार पत्र तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित करना अनिवार्य है। प्रकाशन हेतु फार्मेट भी निर्धारित किया गया है। अभ्यर्थी को नामांकन दाखिल करने के बाद और मतदान के पहले कम से कम तीन बार दोनों ही माध्यमों में प्रसारित करना होगा।
श्री साहू ने बैठक में बताया कि प्रचार-प्रसार के लिए प्रचार सामग्री का प्रमाणन आवश्यक है। इसके लिए जिला स्तर और राज्य स्तर पर मीडिया प्रमाणन समिति का गठन किया गया है। राजनीतिक दलों के स्तर पर तैयार होने वाली प्रचार सामग्री को राज्य प्रमाणन समिति से प्रमाणित कराना होगा वहीं अभ्यर्थी के स्तर पर तैयार सामग्री को जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचार के लिए प्रसारण पूर्व प्रमाणन अनिवार्य है, वहीं प्रिंट मीडिया में यह सीमित अवसर के लिए अनिवार्य है। प्रिंट मीडिया में मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व प्रचार के लिए यह प्रमाणन अनिवार्य रहेगा। इलेक्ट्रानिक मीडिया यथा टीवी, रेडियो, एफ.एम. चैनल, ई-समाचार पत्रों, केबल टी.वी., एसएमएस तथा सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य श्रव्य माध्यमों में प्रसारण के लिए अभ्यर्थी अथवा राजनीतिक दल को कम से कम 3 दिन पहले आवेदन करना होगा वहीं अन्य व्यक्ति, संस्था अथवा ट्रस्ट 7 दिन पहले आवेदन कर सकेंगे।
बैठक में राजनीतिक दलों के सवालों का जवाब देते हुए श्री साहू ने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा किए गए व्यय की गणना आचार संहिता लागू होने के दिन से शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में यह देखा जाएगा कि नामांकन से पहले सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उसके द्वारा मतयाचना तो नहीं की गई है। मतयाचना की स्थिति में ही उस आयोजन का व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों और अभ्यर्थी के कार्यकर्ता द्वारा निर्धारित आकार और मापदंड के झंडे और स्टीकर के उपयोग को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा लेकिन उसके व्यय को पार्टी अथवा अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किया जाएगा।
सीईओ श्री साहू ने बैठक के दौरान राजनीतिक दलों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के लिए भी निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं। इस संबंध में समय-समय पर प्राप्त निर्देशों को राजनीतिक दलों को भी अवगत कराया जाएगा।
राजनीतिक दलों के साथ बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती पद्मिनी भोई साहू, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यू.एस. अग्रवाल, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीकांत वर्मा सहित निर्वाचन कार्य से जुड़े अन्य अधिकारी मौजूद थे।