बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए सम्मिलित प्रयास जरूरी – प्रभा दुबे

रायपुर-छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने आज दुर्ग में बाल अधिकारों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों और शोषण की घटनाओं को रोकने के लिए सम्मलित प्रयास जरूरी है। जागरूकता और दृढ़ संकल्प से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। श्रीमती दुबे ने इस दौरान सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बच्चों से जुड़े मामलों को गम्भीरता से लें। उन्होंने कहा कि बच्चों को सहज और सरल ढं़ग से उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि बच्चों को गुड-टच और बैड-टच के बारे में बच्चों को जानकारी देते रहें ताकि बाल शोषण जैसी अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन, धार्मिक स्थल के आस-पास बाल भिक्षावृत्ति की घटनाओं को रोकने रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जिस उम्र में बच्चों को स्कूल में पढ़ाई तथा खेल-कूद करना चाहिए उस उम्र में उनसे बाल श्रम और भिक्षावृत्ति कराया जाना दुखद है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने घुमंतु बच्चों के पुर्नवास पर भी जोर दिया। श्रीमती दुबे ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गौरव सिंह को बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए। बैठक में आयोग की सदस्य श्रीमती मीनाक्षी तोमर, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती गुरप्रीत कौर हुरा सहित समाज कल्याण, श्रम, पुलिस विभाग के जिला स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।
दुबे ने दुर्ग जिले के नगपुरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बाल चौपाल लगाकर बच्चों को उनके अधिकारों की जानकारी दी। इस दौरान श्रीमती दुबे ने सभी शिक्षिकों और बच्चियों को बाल अधिकारों की रक्षा की शपथ भी दिलायी। श्रीमती दुबे ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से आप सभी अपने सपने साकार कर सकतीं हैं। इसलिए मन लगाकर पढ़ाई करें। इस दौरान श्रीमती दुबे ने स्कूल की बच्चियों से बातचीत कर उनके भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। बच्चियां भी श्रीमती दुबे से मिलकर काफी उत्साहित नजर आयी।