गौरतलब है कि ईयू से ब्रिटेन की 47 साल पुरानी सदस्यता औपचारिक रूप से खत्म हो गई है। ब्रिटेन की जनता ने साढ़े तीन साल पहले ईयू से अलग होने का जनादेश दिया था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वादा किया था कि ‘ब्रेक्जिट होगा’ और समृद्धि के नए युग में देश को एकजुट करेंगे।
ईयू के तीनों प्रमुखों ने साफ कर दिया कि वे आसानी से रुख नहीं बदलेंगे और ब्रिटेन के आगे झुक कर समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को यूरोपीय संघ के बाजार तक पूरी तरह से पंहुच तब तक नहीं दी जाएगी जब तक वह यूरोपीय कामगारों, कर और पर्यावरण नियमों को स्वीकार नहीं करता।
उन्होंने लेटर में लिखा, ‘कितने करीबी संबंध होंगे यह फैसले पर निर्भर होगा जिसे अभी लिया जाना बाकी है। आप सदस्य रहे बिना सदस्यता के लाभ को कायम नहीं रख सकते हैं।’ ईयू प्रमुखों ने कहा कि तत्काल बदलाव महसूस नहीं होगा क्योंकि इस हफ्ते मंजूर ईयू-ब्रिटेन समझौते में 11 महीने का संक्रमण काल निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश नागरिक 31 दिसंबर तक ईयू के सदस्य देशों में काम कर सकेंगे और कारोबार आदि कर सकेंगे और ईयू के सदस्य देशों के नागरिक भी 31 दिसंबर तक ब्रिटेन में काम और कारोबार कर सकेंगे। लेकिन अब ब्रिटेन का यूरोपीय संघ के संस्थाओं में प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
ब्रेक्जिट समर्थक ब्रिटेन के अलग होने पर जश्न मना रहे हैं लेकिन ईयू नेताओं ने कहा कि ब्रिटेन के बाहर होने पर उन्हें दुख है। साथ ही कहा कि कल का दिन यूरोप के लिए नई सुबह होगी। उन्होंने कहा, ‘गत कुछ वर्षों में हम एक देश, एक संस्था और लोग के रूप में नजदीक आए। यही वजह है कि यूरोप के सदस्य देश इससे जुड़ेंगे और साझा भविष्य का निर्माण करेंगे।’
Source: International