नई दिल्ली
आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष भारत में ‘प्रति व्यक्ति (एनएनआई) 6.8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2002-03 के बाद से यह दर सबसे कम होगी। हालांकि यह केवल अग्रिम अनुमान है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो लगभग दो दशकों में पहली बार होगा जब प्रति व्यक्ति विकास दर 7% से नीचे जाएगी।
आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष भारत में ‘प्रति व्यक्ति (एनएनआई) 6.8% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2002-03 के बाद से यह दर सबसे कम होगी। हालांकि यह केवल अग्रिम अनुमान है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो लगभग दो दशकों में पहली बार होगा जब प्रति व्यक्ति विकास दर 7% से नीचे जाएगी।
2014-15 और 2019-20 के बीच, प्रति व्यक्ति एनएनआई केवल दो बार 2016-17 और 2018-19 में डबल डिजिट में बढ़ी है। प्रोविजनल एस्टिमेट के अनुसार, 2018-19 में प्रति व्यक्ति एनएनआई 126,406 रुपये आंकी गई थी और 2019-20 के लिए यह 135,050 रुपये होने की उम्मीद है। हालांकि ये आंकड़े उस वर्ष की कीमतों के हिसाब से हैं। पिछले चार वर्षों से प्रति व्यक्ति एनएनआई ग्रोथ में लगातार गिरावट देखी गई है।
क्यों महत्वपूर्ण है एनएनआई
(जीएनपी) से विमूल्यन (समय के साथ उत्पाद की कीमत में आने वाली कमी) घटाने के बाद बची कीमत एनएनआई कहलाती है। देश या देश के बाहर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य कहलाता है। एनएनआई का महत्व इसलिए भी है क्योंकि क्योंकि यह देश की आर्थिक विकास दर और कुल आय की सबसे सटीक तस्वीर पेश करती है।
Source: National