न्यू जीलैंड की राजधानी वेलिंग्टन का वेस्ट पेक स्टेडियम। भारत और न्यू जीलैंड के बीच सीरीज का चौथा टी20 इंटरनैशनल मुकाबला। न्यू जीलैंड के सामने लक्ष्य 166 रन। और बोर्ड पर टंग चुके थे तीन विकेट पर 160 रन। यानी जीत सिर्फ सात रन दूर खड़ी थी। पलड़ा न्यू जीलैंड के पक्ष में झुका हुआ था लेकिन क्रिकेट को यूं ही अनिश्चितताओं का खेल नहीं कहा जाता। खास तौर पर दो दिन पहले हैमिल्टन में जिस तरह न्यू जीलैंड के हाथों से जीत फिसली उसे देखते हुए कुछ भी कहना जरा रिस्की हो जाता।
आखिरी ओवर फेंकने की जिम्मेदारी मिली को। जसप्रीत बुमराह के ओवर समाप्त हो चुके थे और पिछले मैच में लगभग असंभव के विरुद्ध जाकर मैच टाई करवाने वाले मोहम्मद शमी इस मैच में थे नहीं। अपना 14वां टी20 इंटरनैशनल मुकाबला खेल रहे ठाकुर के लिए यह बड़ा मौका था। सात विकेट हाथ में और छह गेंदों पर सात रन, कोई भी बल्लेबाजी करने वाली टीम को ही फेविरट बताएगा।
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ठाकुर ने शानदार शुरुआत की। उन्होंने पहली ही गेंद पर रॉस टेलर को आउट किया। टेलर एक बार फिर टीम को जीत के द्वार तक ही छोड़कर चले गए। पार नहीं ले जा पाए। ठाकुर ने बताया कि उन्हें अहसास था कि पहली ही गेंद पर बल्लेबाज बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करता है और इसी वजह से उन्होंने स्लो बॉल फेंकी थी। टेलर उस जाल में फंस गए।
इसके बाद अगली पांच गेंदों पर छह रन बने और विकेट गिरे तीन। न्यू जीलैंड हड़बड़ी में इतनी गड़बड़ी कर गया कि उसके दो बल्लेबाज तो रन आउट हुए। इसके बाद ठाकुर की संयम और धैर्य की तारीफ होने लगी। इस युवा गेंदबाज ने आखिरी ओवर में जिस हुनर के साथ गेंदबाजी की वह काबिले-तारीफ है।
शार्दुल की गेंदबाजी देखकर लोगों को पिछले मैच के शमी याद आ गए। शमी, जिनके पास लंबा अनुभव है और जो इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शामिल हैं। बीते साल वनडे इंटरनैशनल में सबसे ज्यादा विकेट शमी ने ही लिए थे। और शार्दुल अभी युवा हैं और लगातार अपनी गेंदबाजी के हुनर को निखार रहे हैं। गेंद के अलावा वह बल्ले से भी उपयोगी प्रदर्शन करते हैं। पहले भी अच्छी पारियां खेल चुके शार्दुल ने शुक्रवार को भी 20 रनों की उपयोगी पारी खेली और भारत को 160 के स्कोर के पार पहुंचाने में मदद की।
शार्दुल मैन ऑफ द मैच रहे और उन्होंने कहा कि उन्हें बल्ले के प्रदर्शन से खुशी है लेकिन वह कुछ और समय बल्लेबाजी करते तो अच्छा रहता। उन्होंने कहा कि वह टीम को जीत दिलाकर वह खुश महसूस कर रहे हैं, पिछले मैच से हमने सीखा था कि उम्मीद कभी नहीं खोनी चाहिए। ठाकुर की यह बात बिलकुल सही मालूम होती है।
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मैच के बाद शमी और शार्दुल ने चहल टीवी पर बात की। इसमें दोनों गेंदबाजों ने बताया कि वह आखिरी ओवर फेंकते हुए उनके दिमाग में क्या चल रहा था। शमी ने जहां पहली गेंद पर छक्का लगने के बाद प्रयोग के तौर पर बाउंसर फेंके और यह काम कर गया। वहीं ठाकुर ने कहा कि वह शुरुआत में ही बल्लेबाज पर लगाम लगाना चाहते थे और रॉस टेलर को आउट कर उन्होंने ऐसा ही किया। अपनी फेवरिट नकल बॉल के बारे में उन्होंने कहा, ‘बचपन में हम घी निकालने के लिए उंगली टेढ़ी किया करते थे।’
Source: Sports