राज्यपाल महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल काॅलेज के ‘मैक कार्निवाल’ में हुई शामिल
रायपुर,राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल काॅलेज के वार्षिकोत्सव ‘मैक कार्निवाल’ में शामिल हुई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज के युवा समय रहते अपनी प्रतिभा को स्वयं पहचाने और संभावनाओं के अनुरूप योग्यताएं विकसित करें। आप चाहे जिस भी क्षेत्र में कार्य करें, मन लगाकर कार्य करें और उसमें उत्कृष्टता लाएं। आवश्यक है कि वे नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता उत्पन्न करें ताकि वे न केवल दृढ़ निर्णय ले सके, बल्कि अनुशासित होकर हर बाधा को पार कर लक्ष्य प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले युवाओं को पुरस्कृत किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि वार्षिकोत्सव किसी भी महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए एक बहुप्रतीक्षित एवं यादगार अवसर होता है, जो उनमें उत्साह एवं ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा कि मेरा यह मानना है कि किसी भी शैक्षणिक संस्था की पहचान वहां की इमारत, ग्रंथालय और प्रयोगशालाओं से ही नहीं होती, बल्कि उसकी पहचान होती है वहां दी जाने वाली शिक्षा, ज्ञान एवं चिंतन की समृद्ध परंपरा से। विद्यार्थी जब महाविद्यालय से बाहर निकलते हैं, तो चिंतन के रूप में यही साथ लेकर जाते हैं। सभी विद्यार्थियों का यह दायित्व है कि महाविद्यालय के विकास और छवि निर्माण के लिए लगातार प्रयास करें।
सुश्री उइके ने कहा कि आज के समय में तकनीक हमारे सामने विलक्षण अवसर लेकर आई है। आप इसे जपाजवा (टिकटाक) वीडियो बनाकर या पब्जी खेलकर बिता सकते हैं या विकिपीडिया पढ़कर। आप जैसा विकल्प अपनाते हैं आपकी जिंदगी उस तरह का स्वरूप लेगी। यह समय आपके जीवन का सबसे कीमती समय है। आज दिन-ब-दिन नई तकनीक आ रही है। आज के युवा इसे आसानी से सीख लेते हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि इस समय का सकारात्मक कार्यों में उपयोग करें और तकनीक को सहीं दिशा में उपयोग करें। आपके हाथों में जो मोबाइल है, उसे आप समुद्र की तरह मथेंगे ही। इससे रत्न भी निकलेंगे और विष भी। आपके भीतर इसके उपयोग के विषय में जितना विवेक होगा, आपकी सफलता भी उसी मानदंड पर तय होगी। इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल काॅलेज के चेयरमेन श्री राजेश अग्रवाल, पूर्व चेयरमेन श्री रमेश अग्रवाल, काॅलेज की प्राचार्या डाॅ. ज्योति जनस्वामी, छात्र-छात्राएं और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।