रायपुर, सहायक श्रमायुक्त पर प्लेसमेंट महिला कर्मी के साथ यौन प्रताडऩा का मामला सामने आया है। पीडि़त महिला कर्मी की ओर से इसकी शिकायत पुलिस थाने में की गई है। जांच में सहायक श्रामायुक्त दोषी पाए गए। श्रम विभाग के सहायक श्रमायुक्त की ओर से उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी देकर प्रताडि़त किया जा रहा है। सहायक श्रमायुक्त शोएब काजी, सहायक लिपिक और स्वीपर को श्रम विभाग की प्लेसमेंट कर्मी को यौन प्रताडऩा देने का आरोप विशाखा कमेटी की जांच में सिद्ध पाया गया। इन तीनों के खिलाफ कमेटी ने सजा देने की अनुशंसा की है। इस मामले की शिकायत प्लेसमेंट के तहत लेखापाल का काम कर रही प्लेसमेंट कर्मी महिला ने की थी। मामले की शिकायत पुलिस में भी दर्ज कराई गई थी। इस मामले की सुनवाई आंतरिक जांच समिति ने की थी।
महिला कर्मी ने पुलिस से की गई शिकायत में कहा था कि शोएब काजी उसे दो माह से मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। साथ ही नौकरी से निकालने की धमकी भी दे रहे हैं। इस मामले में आरोपी के रूप में लिपिक जयपाल निराला और स्वीपर देवीप्रसाद निर्मलकर का नाम भी शामिल था। महिला प्रताडऩा से संबंधित केस होने के कारण विभाग की विशाखा कमेटी से जांच कराने के लिए श्रमायुक्त कार्यालय को पत्र भेजा था। इसके बाद पिछले साल अगस्त में विभाग ने विशाखा कमेटी का गठन किया था। प्रारंभिक जांच के बाद समिति ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
समिति ने जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंची कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ की रोकथाम के लिए बनी शिकायत जांच समिति को जांच मे शिकायत प्रमाणित हुई है। समिति ने आरोपियों को दंडित करने और पीडि़त को क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा की है।