बाबू से आम लोगो के साथ ही जनप्रतिनिधि भी परेशान, बिना नजराने के नही हिलती है कोई फाईल

शहडोल- जनपद पंचायत बुढ़ार के ग्रामीण इन दिनों काफी परेशान हैं, परेशानी का कारण बाबू की कारगुजारियां हैं। इतना ही नहीं उक्त बाबू से जनप्रतिनिधि भी उनके कार्य प्रणाली से असंतुष्ट रहते है। बुढ़ार जनपद बाबू इस समय जहां चर्चा में है, वही अपने मैनेजमेंट से जनप्रतिनिधियों को आंख दिखाकर मनमानी तरीके से हितग्राहियो को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं में कमीशन और अपने कारगुजारियों से डुबो रहा सरकार की लुटिया ,
दरअसल कहानी बुढ़ार के जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक लेखा अधिकारी जो की मनरेगा में अस्थायी रूप से प्रभार में है , इनकी कारगुजारियों से जनपद के अंतर्गत आने वाले सभी पंचायत के लोग परेशान है बिना कमीशन बाबू के यहाँ बिल का पास होना नामुमकिन है,
बाबू के हरकतों से तंग आकर दो रोजगार सहायको ने इस्तीफ़ा भी दे दिया आप समझ सकते है की जहा एक रोजगार के लिए लोगो को कितना परेशान होना पड़ता है वहाँ अगर कोई अपने लगे लगाए जॉब से इस्तीफ़ा दे दे और वो भी किसी बाबू से प्रताड़ित हो कर तो बाबू साहेब के प्रताड़ना का क्या हाल रहा होगा,
बाबू पर आरोप है की श्रवण बाबू नाम के ही मुताबिक अपने बाकि अधिकारियो को कांवर में बिठाये रुपयों की सैर करा रहे क्यूंकि श्रवण बाबू के कारगुजारियों की शिकायत स्थानीय भाजपा कांग्रेस जनप्रतिनिधियों ने भी कलेक्टर साहब को लेटरपैड पर शिकायत लिखकर स्थानांतरण के लिए अनुशंसा के लिए आवेदन किया लेकिन मजाल है किसी ने बाबू को स्थान से हटाने की हिम्मत भी दिखाई हो।
श्रवण बाबू के ऊपर आरोप है की बुढ़ार जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली पंचायतो में जो भी सरकार के द्वारा ग्रामीण हितग्राहियो के लाभ के लिए मद स्वीकृत होता है उसमे बाबू जी के कमीशन के बगैर फ़ाइल आगे नहीं बढ़ सकती , माना जा रहा है की श्रवण बाबू के ऊपर आला अधिकारियो की छत्रछाया भरपूर है जिसके कारण बाबू के कारगुजारियों को नजरंदाज कर आंख मूंदकर बाबू को सपोर्ट करते है और सैकड़ो शिकायत के बाद भी बाबू के ऊपर कृपा बरसती रहती है,
कांग्रेस के जनपद अध्यक्ष ललन सिंह और भाजपा नेत्री अन्नू रानी सिंह के अलावा विधायिका मनीषा सिंह ने भी पत्र लिखकर कलेक्टर से गुजारिश किया की बाबू को अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए लेकिन बाबू के खिलाफ कार्यवाही करने को लेकर अधिकारियो के हाथ काँप रहे है।