बिसाहूलाल की फिसली जुबान, दे डाले मीडिया को बयान

अनूपपुर- अक्सर लोग मीडिया में बने रहने के लिए अनाप शनाप बयान बाजी करते रहते है, जिसका खामियाजा भी उन्ही को भुगतना पड़ता है ताजा मामला अनुपूपुर जिले के अन्तर्ग का है जहाँ मंत्री बिसहुलाल के बयान का है, दल बदलने के बाद बिसाहूलाल मंत्री मध्यप्रदेश शासन पर जहां विपक्ष ने आरोपों की झड़ी लगा रखी है वही प्रदेश में खाद्यान्न वितरण में हो रही देरी को लेकर शिवराज सरकार में खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह का विवादित बयान सामने आया है और सोशल मीडिया में विवादित बयान की वीडियो वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में दिए गए बयान पर विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। वायरल वीडियो में प्रदेश के मंत्री का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के चलते प्रदेश में घोषित हुए राजकीय शोक की वजह से खाद्यान्न वितरण में देरी हुई है, इसमें हमारी कोई गलती नही। यहां तक की मंत्री जी ने फिसलती जुबान से यह कह डाला कि पूर्व राष्ट्रपति काहे को मर गए। जबकि प्रदेश के मंत्री जी की भाषा को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहू लाल यही नही रुके मीडिया से चर्चा के दौरान दो बार उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री और फिर पूर्व प्रधानमंत्री तक कह डाला, लेकिन जैसे ही उनको अहसास हुआ कि कैमरे में सब रिकार्ड हो रहा है तो उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कहा, लेकिन खाद्यान्न वितरण में देरी के चलते सारा ठिकरा पूर्व राष्ट्रपति का निधन के कारण लगे राजकीय शोक पर फोड दिये और कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के निधन के कारण प्रदेश में सात दिन का राजकीय शोक लगा हुआ था, इस कारण कार्यक्रम में देरी होती चली गई, जब उनसे पूछा गया कि इसमें गरीबों का क्या दोष तो मंत्री जी ने भी तपाक से कह डाला कि हमारा भी क्या दोष है, पूर्व राष्ट्रपति काहे को मर गए, वो तो सबके पूर्व राष्ट्रपति थे, इसका चलते देरी हुए। बिसाहुलाल सिंह, खाद्य मंत्री जब ऐसी बातों का प्रयोग करेंगे तो निश्चित ही सवालों के घेरे में रहेंगे। दल बदलने के बाद से सोशल मीडिया में बिकाऊ लाल जैसे शब्दों का विपक्ष है प्रयोग कर रहे हैं जिसका असर शायद उपचुनाव में देख सकता है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया में यहां तक सवाल उठा रहे हैं कि जिनको मंत्री बने का इतना लालच था कि अपना जमीर बेच कर एक बार पुनःजनता के बीच आना चहेते बनने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जनता उपचुनाव में इसका जवाब देगी। यह भी सवाल लोगों ने उठाना शुरू कर दिया है कि जिन्हें यह भी मालूम नहीं कि सम्मानित राष्ट्पति जी को महामहिम कहा जाता है और राष्ट्पति कौन है, प्रधानमंत्री कौन है, ऐसे व्यक्ति को क्या कहा जा सकता है। वायरल वीडियो के इस बयान के बाद विपक्ष यह भी कहने से गुरेज नहीं कर रहे हैं के यह दुर्भाग्य है की खाद्य मंत्री पर आसीन हैं जिसका जवाब जनता उपचुनाव में देगी।