नई दिल्ली : नगालैंड के उप मुख्यमंत्री वाई. पैटन ने आज केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास(स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और राज्य से जुड़ी विभिन्न विकास परियोजनाओं और प्रस्तावों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने पैटन को बताया कि केन्द्र ने नगालैंड को विशेष रूप से प्राथमिकता देते हुए राज्य में तीन साल के भीतर दूसरा सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि यह एक विडंबना है कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी नगालैंड संभवतः देश का एकमात्र ऐस राज्य रहा है जिसके पास अभी तक खुद का एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था जिसकी वजह से मरीजों के साथ ही अपना करियर बनाने के इच्छुक डॉक्टरों को भी राज्य से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सिर्फ 20 लाख की आबादी वाले छोटे से राज्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज इस बात का गवाह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नगालैंड जैसे सुदूरवर्ती राज्य समेत पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को कितनी प्राथमिकता देती है।
नगालैंड में पहला मेडिकल कॉलेज कोहिमा की राजधानी के लिए लगभग तीन साल पहले स्वीकृत किया गया था। दूसरा मेडिकल कॉलेज अब राज्य के पूर्वी मोन जिले में बनाया जाएगा।
पैटन ने डॉ.सिंह से पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास योजना के तहत क्रियान्वित की जाने वाली परियोजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने चान डांग सैडल से नोकलाक तक 31 किलोमीटर लंबी सड़क बनाए जाने के काम में तेजी लाए जाने का अनुरोध किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि पूर्वात्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय तथा पूर्वोत्तर परिषद् की ओर से स्वीकृत सभी परियोजनाएं संबंधित राज्यों द्वारा सुझाई गई प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि कोविड से उपजी विषम परिस्थितियों की वजह से कुछ परियोजनाओं में देरी हुई है पर कोविड महामारी की स्थिति में उनके मंत्रालय ने पूर्वोत्तर राज्यों को हर संभव वित्तीय मदद पहुंचाई। डॉ. सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय भविष्य में संक्रामक रोगों के इलाज में सक्षम अस्पताल खोले जाने के लिए वित्तीय मदद के विभिन्न राज्यों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों को स्वीकृत करने की प्रक्रिया में है।