जॉर्ज फर्नांडीस स्मृति शेष: बिहार से सात बार सांसद रहे

पटना : समाजवादी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस की पहचान फायर ब्रांड नेता के रूप में थी। जॉर्ज राष्ट्रीयस्तर के नेता थे, लेकिन बिहार से अधिक लगाव होने के कारण उन्हें बिहारी नेता के रूप में भी पहचान मिली। वे बिहार से सात बार सांसद रहे। मुजफ्फरपुर से पांच बार व नालंदा से दो बार चुने गए थे।

आपातकाल समाप्त होने के ठीक बाद 1977 में जेल से मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ने वाले जॉर्ज भारी मतों से जीते थे। यह चुनाव तानाशाही बनाम लोकशाही के रूप में जाना जाता था। जॉर्ज साहब के खिलाफ कांग्रेस के नेता नीतेश्वर प्रसाद सिंह चुनाव लड़े थे। जॉर्ज की हथकड़ी लगी तस्वीर की चर्चा पूरे देश में रही। पूरा मुजफ्फरपुर इस तस्वीर से पाट दिया गया था। केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रचार कमान संभाली थी। सुषमा का चुनाव प्रचार व प्रभावशाली भाषण काफी चर्चित रहा। कहा जाता है कि सुषमा स्वराज का राजनीति में उदय मुजफ्फरपुर चुनाव के बाद ही हुआ। इस चुनाव में जॉर्ज साहब की मां ने भी खूब प्रचार किया था। प्रचार के लिए उनकी पत्नी लैला कबीर, जयप्रकाश नारायण, मोरार जी देसाई जैसे कई दिग्गज पहुंचे थे।

1980 में जॉर्ज ने फिर मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़ा। उनके खिलाफ कांग्रेस के रजनी रंजन साहू उम्मीदवार थे। इस बार भी जॉर्ज फर्नांडीस चुनाव जीते। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वर्ष 1984 के चुनाव में जॉर्ज साहब ने मुजफ्फरपुर का चुनावी मैदान छोड़ दिया और बेंगलुरु से भाग्य आजमाया, लेकिन वह हार गए। वर्ष 1989 के चुनाव में जॉर्ज साहब फिर मुजफ्फरपुर लौटे और पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेसी उम्मीदवार ललितेश्वर प्रसाद शाही व वर्ष 1991 में कांग्रेसी उम्मीदवार रघुनाथ पाण्डेय को पराजित किया।

वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में जॉर्ज ने नालंदा का रुख किया और राजद उम्मीदवार विजय कुमार यादव व वर्ष 1999 में वामपंथी उम्मीदवार गया सिंह को हराया। वर्ष 2004 के लोककसभा चुनाव में जॉर्ज साहब ने फिर मुजफ्फरपुर से भाग्य अजमाया व लोजपा के उम्मीदवार भगवानलाल सहनी को पराजित किया। लेकिन वर्ष 2009 के चुनाव में जयनारायण निषाद से से पराजित हो गए।

(साभार : लाइव हिन्दुस्तान )