शिवरीनारायण में यथाशीघ्र तहसील कार्यालय का होगा काम-काज प्रारंभ
रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल, मिनीमाता और बिसाहू दास महंत जैसे महान विभूतियों ने समृद्ध छत्तीसगढ़ राज्य का सपना देखा था, नई सरकार के बनने से उनके द्वारा देखा गया सपना अब साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल आज मुख्य अतिथि की आसंदी से जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य और समृद्ध छत्तीसगढ़ बनने का सबसे पहला सपना डॉ. खूबचंद बघेल, मिनीमाता और श्री बिसाहूदास महंत जैसे महान विभूतियों ने देखा था। उनका सपना धीरे-धीरे वास्तविक रूप लेता गया और वर्ष नवम्बर 2000 मंे मूर्त रूप लिया। राज्य निर्माण के 18 वर्ष बाद छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों और किसानों की सरकार आयी है। अब इन महान विभूतियों द्वारा समृद्ध छत्तीसगढ़ बनने का सपना साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नई सरकार ने अपने गठन के पहले दिन से ही जनता की भलाई के लिए तेजी से कदम बढ़ाया है। नई सरकार के गठन होने के पहले घंटे मे ही 16 लाख 65 हजार किसानों का लगभग 6 हजार 230 करोड़ रूपये का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ कर दिया। इसी तरह धान की खरीदी 2500 रूपया प्रति क्विटंल के हिसाब से खरीदी की गई है। अब किसानों की चेहरों में मुस्कान आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवरीनारायण को तहसील बनाने की घोषणा पूर्व मंे की जा चुकी है। सेटअप के अभाव में तहसील कार्यालय का काम-काज संचालित नहीं हो पा रहा था। अब शिवरीनारायण में तहसील कार्यालय का सेट-अप मंजूर हो गया है। अब यहां यथाशीघ्र तहसील कार्यालय का काम-काज संचालित होगा। शिवरीनारायण क्षेत्र के लोगों को राजस्व सहित अन्य शासकीय कार्यो के लिए तहसील कार्यालय नवागढ़ नहीं जाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवरीनारायण श्रद्धा, भक्ति, विश्वास तथा मॉ शबरी की पुण्यधरा की नगरी है। इसका गौरवशाली परम्परा और इतिहास है। यहां की लोक संस्कृति और लोककथा सर्वविदित है, जो सामाजिक समरसता का संदेश देती है। शबरी की पुण्यधरा भगवान शिवरीनारायण की कृपा से सुख-समृद्धि से परिपूर्ण है। महोत्सव और मड़ई मेला में विभिन्न समाज के लोग एकत्रित होते हैं, जिससे भाईचारे व स्नेह की भावना विकसित होती हैं। उन्होंने शिवरीनारायण महोत्सव एवं माघी पूर्णिमा मेला के लिए नागरिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। आगामी शिवरीनारायण महोत्सव को हर्षोल्लासपूर्वक मनाने के लिए साढ़े तीन लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने महोत्सव को और अधिक गरिमा के रूप में मनाने के लिए 10 लाख रूपये की राशि की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी ‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी‘ का प्रबंधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गहराई से जुड़ा है। अब केवल नारा नहीं होगा बल्कि इसे जमीन पर उतारने का प्रयास किया गया है। छत्तीसगढ़ में पहले किसान दो से तीन फसल लेते थे, लेकिन खुले मंे पशुओं के कारण अब एक फसल लेने मंे भी मुश्किल आती है। यदि पशुओं को बारह महीने एक जगह गोठान में रखा जाए, उनके लिए पानी, चारा और शेड की व्यवस्था कर दी जाए इसके साथ ही स्मार्ट घुरवा का निर्माण कर कम्पोस्ट खाद, वर्मी खाद और बायो गैस का उत्पादन किया जाए, तो इससे गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा और खेती-किसानी को लाभ मिलेगा। उन्होंने इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की उत्कृष्ट और मंत्रमुग्ध प्रस्तुति के लिए लोक कलाकारों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इसके पहले पूर्व विधायक और आयोजक समिति के अध्यक्ष महंत श्री रामसंुदर दास ने मुख्यमंत्री को खुमरी और प्रतीक चिन्ह भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री नंदकिशोर हरबंश, पूर्व सांसद श्रीमती कमला मनहर, पूर्व विधायक सर्वश्री मोतीलाल देवांगन और चुन्नीलाल साहू एवं चौनसिंह सामले, जिला पंचायत सदस्यगण, गुरू श्री खुशवंत सहित बिलासपुर रेंज के आईजी श्री प्रदीप गुप्ता, कलेक्टर श्री नीरज कुमार बनसोड़, पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर, बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।