अब गांव में भी बनेंगे प्राइवेट अस्पताल: ग्रामीणों को मिल सकेगी विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं

निजी क्षेत्र द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल निर्माण के लिए राज्य सरकार देगी अनुदान

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अनुदान के लिए 10 दिनों में कार्ययोजना तैयार करने उद्योग विभाग को दिए निर्देश

रायपुर, 26 जून 2021/ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और मजबूती प्रदान करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अब निजी क्षेत्र का भी सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हो सके, इसके लिए सभी शासकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ ही स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के निर्माण में निजी क्षेत्र का सहयोग भी लिया जाएगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल निर्माण के लिए निजी क्षेत्रों को राज्य सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को आगामी 10 दिनों में इसकी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 

गौरतलब है कि बीते ढाई सालों में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए अनेक कार्य किए गए हैं, किन्तु अभी भी छोटे जिला मुख्यालयों एवं विकासखण्ड मुख्यालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता चुनौती बनी हुई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना महामारी के बदलते स्वरूप से निपटने एवं प्रदेशवासियों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु राजधानी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य अधोसरंचना के विस्तार और उनके सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के लिए विशेषकर ग्रामीण इलाकों में  सभी शासकीय अस्पतालों में सुविधा में वृद्धि के साथ ही निजी क्षेत्र की सहायता लिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि राज्य में उद्योगों की स्थापना हेतु विभिन्न प्रकार के अनुदान दिये जाते हैं। यह अनुदान सेवा क्षेत्र के उद्योगों को भी दिया जाता है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी क्षेत्र के अस्पतालों की स्थापना हेतु किसी प्रकार के प्रोत्साहन दिये जाने के प्रावधान नहीं है। इसलिए स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ बनाने हेतु निजी क्षेत्र को ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने के लिये अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग को 10 दिनों में कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा गया है।