छत्तीसगढ़ को मांग के अनुसार वैक्सीन आपूर्ति नही होने पर भाजपा सांसद मौन क्यो?

रायपुर : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार निरंतर हर मामले में गैर कांग्रेसी सरकारों औ विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही। धान खरीदी, बारदाना, किसान सम्मान निधी योजना, प्रधानमंत्री मजदूर कल्याण योजना, मांग के अनुसार खाद आपूर्ति, सेन्ट्रल पूल में चांवल लेने छत्तीसगढ़ की 24000 करोड़ की जीएसटी की राशि एवं क्षतिपूर्ति राशि के अटकाने, चाहे वैक्सीन की मांग अनुसार आपूर्ति सहित महामारी काल में आर्थिक मद्द में भी, केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के साथ हमेशा भेदभाव और पक्षपात किया। राज्य सरकार के टीकाकरण पर बार – बार सवाल उठाने वाले भाजपा के सांसदों की मोदी सरकार के द्वारा वैक्सीन देने में भेदभाव पर बोलती क्यो बंद है? भाजपा सांसदों को केंद्र सरकार से जुलाई माह में छत्तीसगढ़ को मांग के अनुसार एक करोड़ वैक्सिन डोज दिलाना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने केन्द्रीय मंत्री बनने के आस में दिल्ली गये छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदो पर तंज कसते हुये कहा कि मंत्री का पद नही ला पाये तो कम से कम छत्तीसगढ़ के लिये जुलाई माह मे मांगी गयी 1 करोड़ डोज वैक्सीन ही लेते आये। केंद्र सरकार मांग के अनुसार छत्तीसगढ़ को वैक्सिन की आपूर्ति नही कर रही है, वैक्सीन की कमी के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग अर्थात युवाओं का वैक्सीनेशन नही हो पा रहा है, वैक्सीनेशन बन्द है। यह मोदी सरकार का युवा विरोधी चरित्र है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जुलाई माह में छत्तीसगढ़ के लिए एक करोड़ डोज वैक्सीन देने की मांग केंद्र सरकार से की थी, जबकि मात्र 24 लाख 1 हजार डोज वैक्सीन अभी तक मिल पाई है। 2 जुलाई को वैक्सीन की सिर्फ 2 लाख 49 हजार 140 डोज ही प्राप्त हुअी है। छत्तीसगढ़ में 4592 टीकाकरण केंद्र है जिसके माध्यम से प्रतिदिन 4 लाख वैक्सिन डोज हितग्रहियों को लगाने की क्षमता है।

छत्तीसगढ़ को अभी तक वैक्सीनेशन में किये गये शानदार काम का उल्लेख करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा छत्तीसगढ़ में अब तक एक करोड़ दो लाख टीका लगाया जा चुका है। 45 साल से अधिक के 82 प्रतिशत को एवं 18 से 44 साल वाले 23 प्रतिशत को टीका लगाया जा चुका है। लगभग 84 लाख 82 हजार को प्रथम डोज एवं लगभग 17 लाख 50 हजार को दूसरा डोज लगाया गया। 91 प्रतिशत स्वास्थकर्मियों को एवं 73 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर को डोज लगाया गया है।