OMG: नगर निगम चिरमिरी शहर के ज़्यादातर मुख्य मार्ग अंधेरों की चपेट में नज़र आ रहे हैं।

चिरिमिरी-पोंड़ी से हल्दीबाड़ी जाने के मुख्य मार्ग में लगे हुए ज़्यादातर स्ट्रीट लाइट जो खुद अंधेरों से ढके हुए हैं, जिनसे रौशनी मिलने की उम्मीद करना मुनासिब नहीं है, साथ ही शहर के अंदर स्थायी इलाकों में भी इसी तरह कई स्ट्रीट लाइटों की रौशनी बुझी पड़ी है।

पोंड़ी से हल्दीबाड़ी जाने वाले मुख्य मार्ग पर दीनदयाल चौक भी है जो कि उसी अंधेरों से भरे इलाके में स्थित है, जो कि चिरमिरी शहर के मुख्य चौक में से एक है, इन दिनों अंधेरों से जूझते नज़र आ रहा है, जिस पर प्रशासन की नज़र अब तक नहीं पड़ी है।

आपको बता दें कि अंधेरे की वजह से दीन दयाल चौक पर दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं भी काफ़ी ज़्यादा हैं, जहां पर एक बस स्टैंड भी प्रशासन की तरफ़ से उसी चौक पर बनवाया गया मगर अफ़सोस रात के वक़्त वहां अंधेरों की वजह से पूरा का पूरा इलाका सुनसान तो रहता ही है और असुरक्षित भी नज़र आता है।

चिरमिरी वन परिक्षेत्र से ढका हुआ शहर है, ज़्यादातर मुख्य मार्ग जंगलों हो कर गुजरते हैं, घने जंगल एवं पहाड़ों से लगा हुआ होने की वजह से आए दिन जंगली जानवरों का खतरा बने रहता है, यहां के नगरवासियों से बातचीत के दौरान पता चला कि हल्दीबाड़ी से लगे हुए जंगल एवं पहाड़ों पर कई दफा जंगली जानवर जैसे भालू, सियार आदि खतरनाक जानवरों को देखा गया है, और तो और लावारिस कर दिए गए गायों का झुंड भी कई बार चौक के करीब सड़कों के बीचों बीच देखा जाता है, इन्हीं कारणों से अक्सर दुर्घटना होते रहती है

यूं तो शहर में स्ट्रीट लाइट्स के काफ़ी सारे खंबे दिख जाएंगे मगर उन खंबों पर लटकती लाइट बल्ब मानो खुद रौशनी की तलाश करती नज़र आती है, जिन्हें प्रशासन द्वारा एक बार लगाने के बाद शायद दुसरी बार उन खराब स्ट्रीट लाइट्स की ओर झांका तक नहीं जाता, शायद यही विशेष प्रयोजन है प्रशासन का जिसे एक बड़े लापारवाही का प्रमाण देते देखा जा सकता है।

कुछ इसी तरह का हाल शहर के दुसरे इलाकों में भी देखा जा सकता है, जहां पर मुख्य मार्गों में हर दो से तीन स्ट्रीट लाइट को छोड़ कर अन्य स्ट्रीट लाइट अंधेरों की चपेट में नज़र आते हैं, इन नज़ारों देखते हुए यह ज़रुर कहा जा सकता है कि प्रशासन या तो खुद अंधेरों में रहने की आदि हो गई है, या तो शहर की ऐसी दुर्गति देखते हुए भी अपनी गैरज़िम्मेदाराना आदतों की वजह से चुप्पी साधे बैठी है, आम जनमानस की समस्याओं पर इन अंधे स्ट्रीट लाइट्स की वजह से अंधेरे ने अपना कब्ज़ा कर रखा है, जिसका समाधान के होगा यह तो प्रशासन भी शायद खुद नहीं जानती…