इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जबरन धर्मातरण और शादी कराए जाने का शिकार हुई दो नाबालिग हिंदू बहनों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है। दोनों बहनों की अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अतर मिनअल्लाह ने यह आदेश जारी किया। इस्लामाबाद के उपायुक्त और मानवाधिकार महानिदेशक को उनकी कस्टडी सौंपी गई है।
उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महिला पुलिस अधीक्षक को भी तैनात करने का आदेश दिया गया है। जज ने अधिकारियों को मामले की जांच रिपोर्ट दो अप्रैल को कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश भी दिया। इसी दिन मामले की अगली सुनवाई भी होगी। कोर्ट ने जिक्र किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बात की जांच का आदेश दिया है कि क्या लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्मातरण और निकाह कराया गया था।
होली से एक दिन पहले सिंध प्रांत के घोटकी जिले से रवीना (13) और रीना (15) का कुछ दबंग लोगों ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद सोशल मीडिया एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक मौलवी दोनों का निकाह कराता दिखाई दिया। इसको लेकर पूरे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। दोनों लड़कियों के परिवार ने गत 20 मार्च को मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद दोनों बहनों की ओर से सुरक्षा के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपनी की गई थी।
पाकिस्तान में रहते हैं 75 लाख हिंदू
पाकिस्तान के अल्संख्यक समुदायों में सबसे ज्यादा हिंदू हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं की करीब 75 लाख आबादी है। हिंदुओं की बड़ी आबादी सिंध प्रांत में रहती है।
हर माह 25 जबरन निकाह
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति अच्छी नहीं है। सिंध के उमरकोट जिले में ही हर महीने जबरन 25 निकाह होते हैं।
(साभार : जागरण.कॉम )