नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अमर्यादित व्यवहार का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी शुक्रवार को आंतरिक जांच कमेटी के समक्ष पेश हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश पर लगे आरोपों की जांच के लिए न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई है। शुक्रवार को कमेटी ने पहली सुनवाई की।
शिकायतकर्ता महिला को 26 अप्रैल को सुनवाई में कमेटी के समक्ष पेश होने का नोटिस भेजा गया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के सिकरेट्री जनरल को भी कमेटी ने सारे रिकार्ड के साथ मौजूद करने को कहा था।
शुक्रवार को कमेटी ने पहली सुनवाई की। सुनवाई बंद कमरे में हुई (इन चैम्बर)। कमेटी की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट परिसर में नहीं हुई। कमेटी की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट से दूर सुप्रीम कोर्ट गेस्ट हाउस में हुई। वहीं पर शिकायतकर्ता महिला पेश हुई। वहां सुरक्षा और गोपनीयता के कड़े इंतजाम थे। सुनवाई दोपहर में हुई और करीब तीन बजे सुनवाई समाप्त हो गई। अगली सुनवाई की तारीख बात में पता चलेगी।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने न्यायाधीशों को भेजे गए हलफनामे में मुख्य न्यायाधीश पर अमर्यादित व्यवहार का आरोप लगया है। महिला ने कहा है कि जब वह मुख्य न्यायाधीश के घर में बने दफ्तर में काम करती थी तब पिछले वर्ष दो बार उसके साथ अमर्यादित व्यवहार हुआ। उसने दो घटनाओं का हलफनामे में जिक्र किया है। इन्हीं आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आंतरिक जांच कमेटी बनाई है।
आरोपों की जांच कर रही आंतरिक जांच कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश एसए बोबडे, और दो महिला न्यायाधीश इंदू मल्होत्रा व इंद्रा बनर्जी शामिल हैं। पहले कमेटी में न्यायाधीश एनवी रमना शामिल थे लेकिन जस्टिस रमना ने गुरुवार को स्वयं को कमेटी से अलग कर लिया था।