मोदी के नाम झूठ बोलने का रिकार्ड : मोदी ने छत्तीसगढ़ की कुल 5 सभाओं में 139 बार झूठ बोला है

प्रधानमंत्री ने कका नहीं छत्तीसगढ़ की जनता का मखौल उड़ाया

मोदी, भूपेश बघेल एवं कांग्रेस से इतना डरे हुये कि 45 मिनट में 54 बार कांग्रेस का नाम लिये

रायपुर -राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यध सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकरों से चर्चा करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में अभी तक की कुल 5 जनसभाओं में कुल 139 बार झूठ बोल चुके है, अब छत्तीसगढ़ के लोग प्रधानमंत्री की बातों को गंभीरता से लेना बंद कर चुके है। मोदी, कांग्रेस एवं भूपेश बघेल से इतना डरे हुये है कि 45 मिनट में 54 बार कांग्रेस का नाम लिये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से सार्वजनिक झूठ बोलकर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को गिराया। मोदी ने अपने भाषण में सिर्फ झूठ और झूठ ही बोला। जिस राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनने की कोई संभावना नहीं वहां पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण में लोगों को आमंत्रित करना इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री मुंगेरी लाल के सपने भी देखते है। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्यार से दिये गये कका संबोधन का मखौल उड़ाकर छत्तीसगढ़ का अपमान किया है।

प्रधानमंत्री ने सफेद झूठ बोला कि धान खरीदी केंद्र सरकार करती है

प्रधानमंत्री ने सफेद झूठ बोला कि धान खरीदी केंद्र सरकार करती है। मोदी बतायें यदि धान खरीदी केंद्र करती है तो धान खरीदी के लिये कितने का बजट प्रावधान किया था? कितना पैसा कब किसानों के खाते में डाला? किस संस्था के माध्यम से केंद्र ने धान खरीदी? बड़े शर्म का विषय है कि भारत देश का प्रधानमंत्री झूठ बोलता है। धान खरीदी छत्तीसगढ़ सरकार अपने दम पर करती है। केंद्र का इसमें कोई योगदान नहीं है। प्रधानमंत्री बतायें देश के किन भाजपा शासित राज्यों में केंद्र सरकार धान खरीदती है?
यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश में धान 1200 रू. से 1400 रू. में क्यों बिकता है? प्रधानमंत्री धान नहीं खरीदते धान खरीदने पर भूपेश सरकार को धमकाते है। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी रोकने भाजपा चुनाव आयोग में शिकायत करती है। केंद्र सरकार राज्य में 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी न हो इसलिये चावल लेने का केंद्रीय कोटा घटाकर 86 से 61 लाख मीट्रिक टन करते है। ऊपर से बेशर्मीपूर्वक झूठ बोलते है धान हम खरीदते है। राज्य सरकार 2500 में धान खरीद कर उसको अनेकों बार 1480 रू. तक में बेच चुकी है। बड़ा शर्मनाक है, प्रधानमंत्री झूठा है।

प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार पर झूठ बोला जो खुद अडानी के भ्रष्टाचार के संरक्षक है

प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार पर झूठ बोला जो खुद अडानी के भ्रष्टाचार के संरक्षक है। देश की सारी संपदा अडानी को देने पर तुले है। वो देश की सबसे ईमानदार सरकार पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाकर गये। प्रधानमंत्री सोचते है कि उनके गलत बयानी से राज्य सरकार को बदनाम कर लेंगे तो मुगालते में है। प्रधानमंत्री ने भूपेश बघेल ही नहीं छत्तीसगढ़ को बदनाम करने की कोशिश किया। पहले अपने ईडी, आईटी को भेजा जब उनसे कुछ नहीं मिला तो जुमले फेंक कर राज्य सरकार को बदनाम कर रहे थे।

नगरनार नहीं बेचने का आदेश कहां है?

प्रधानमंत्री ने यह नहीं बताया कि नगरनार के विनिवेशीकरण की प्रक्रिया को बंद क्यों नहीं कर रहे? नगरनार को नहीं बेचने का आदेश कहां पर है? चुनाव के बाद नगरनार का मालिक अडानी बनेगा यह प्रधानमंत्री ने सुनिश्चित किया है। दीपम की साइड में आज भी नगरनार इस्पात संयंत्र का नाम विनिवेशीकरण वाले संयंत्रों की सूची में है।

रमन के भ्रष्टाचार पर क्यों मौन?

प्रधानमंत्री रमन सरकार के एक लाख करोड़ के भ्रष्टाचार पर मौन रहे। छत्तीसगढ़ में रमन राज में 36000 करोड के नान घोटाला, अगस्ता और पनामा घोटाला, डीकेएस घोटाला, प्रियदर्शनी सहकारी बैंक घोटाला, ई-टेंडरिंग घोटाला, घटिया मोबाइल खरीदी घोटाला, मच्छरदानी घोटाला, गुणवत्ता हीन एक्सप्रेसवे, अनुपयोगी स्काईवॉक घोटाला, 6000 करोड़ का चिटफंड घोटाला रमन के 4700 करोड़ के शराब घोटाला, 1667 करोड़ के गौशाला घोटाला सहित एक लाख करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार के आरोप रमन सिंह पर है लेकिन केवल भाजपा नेता होने के कारण रमन सिंह को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

छत्तीसगढ़ का खनिज अडानी को देना चाह रहे

प्रधानमंत्री मोदी ने जानबूझकर कहा कि यहां से जो खनिज निकलेगा उसका आधा हिस्सा यहां के लोगो को मिलेगा। जबकि असलियत यह है कि छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधन मोदी जी अपने मित्रो पर लूटाने तुले हुये हैं 2016-17 में जब छत्तीसगढ़ में रमन सिंह मुख्यमंत्री थे और केन्द्र में मोदी जी थे, बस्तर के नंदराज पर्वत में स्थित लौह अयस्क खदान अडानी को सौंप दिया गया था। रमन सरकार ने कूट रचना कर ग्राम सभा की फर्जी अनापत्ति तैयार कराई थी। भूपेश सरकार ने उसे निरस्त किया।

छत्तीसगढ़ से सौतेला व्यवहार कर रहे है

छत्तीसगढ़ की जनता से दुश्मनी तो केन्द्र की मोदी सरकार निकाल रही है। पिछले पांच साल में केन्द्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ से 4 लाख 61 हजार करोड़ विभिन्न मद में वसूले है, और दिया केवल 1 लाख 37 हजार करोड़। अडानी के कोयले के परिवहन के लिये छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली हजारो ट्रेने अचानक निरस्त किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के संसाधन, छत्तीसगढ़ के स्टील और सीमेंट कारखाने, छत्तीसगढ़ के पावर प्लांट, छत्तीसगढ़ का कोयला, आयरन ओर बाक्साईट, टीन की खदाने मित्र अडानी को सौंपने तुले है।

संग्राहकों का बीमा बंद कर दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने यह नहीं बताया की छत्तीसगढ़ के आदिवासी छत्तीसगढ़ के तेंदुपत्ता संग्राहको से क्या दुश्मनी है? छत्तीसगढ़ में तेंदुपत्ता संग्राहक बीमा योजना में केंद्राश की राशि 1 अप्रैल 2019 से मोदी सरकार ने दुर्भावना पूर्वक बंद कर दी। जिसके पश्चात भूपेश सरकार ने शहीद महेन्द्र कर्मा के नाम पर तेंदुपत्ता संग्राहक बीमा योजना लागू किया।

केंद्र गौण अन्न का मूल्य घोषित नहीं किया

मिलेट केन्द्र की मोदी सरकार के लिये केवल नारा है लेकिन भूपेश सरकार ने देश में सर्वाधिक कीमत पर छत्तीसगढ़ में मिलेट खरीदने की व्यवस्था की। कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य मोदी सरकार ने घोषित ही नहीं किया, भूपेश सरकार ने देश में सर्वाधिक कीमत पर खरीद रही है। छत्तीसगढ़ में वनोपज का संग्रहण भूपेश सरकार में 60 गुना बढ़ा हैं। रमन सरकार के दौरान केवल 6 वनोपजो की खरीदी होती थी। भूपेश सरकार ने 67 वनोपजो की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की। तेंदुपत्ता 2500 रू. से बढ़ाकर 4000 रू. प्रति मानक बोरा में खरीदा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधायें सर्वोत्तम

स्वास्थ सुविधाओं को लेकर प्रधानमंत्री ने गलत बयानी की है। छत्तीसगढ़ में विगत 5 वर्षो में स्वास्थ सुविधायें 3 गुना बेहतर हुयी है। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ सहायता योजना के माध्यम से 25 लाख तक की इलाज की सुविधा छत्तीसगढ़ में दी जा रही है।

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, प्रवक्ता मणी वैष्णव, सत्यप्रकाश सिंह, ऋषभ चंद्राकर उपस्थित थे।