नेताओं के इशारे पर शहडोल पुलिस की फर्जी कार्यवाही पर हाईकोर्ट का चाबुक

शहडोल । शहडोल में एक दैनिक अखबार में प्रकाशित होने वाले कॉलम में प्रकाशित व्यंग की शिकायत पर कोतवाली पुलिस द्धारा वहां के ब्यूरो चीफ व पत्रकार के खिलाफ बिना जांच प्रकरण दर्ज किये जाने के मामले को हाईकोर्ट ने सख्ती से लिया। जस्टिस सीव्ही सिरपुरकर की युगलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनावेदक शहडोल के भाजपा जिला अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह छाबड़ा व महामंत्री राकेश पाण्डेय सहित डीजीपी, एसपी शहडोल व कोतवाली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। एकलपीठ ने मामले की केस डायरी तलब करते हुए अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की है।

यह है मामला
शहडोल के ब्यूरो चीफ अफसर खान व संवाददाता शुभम तिवारी की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अखबार में उन्होने कॉलम पर प्रकाशित एक व्यंग पर, जिस पर पर किसी का नाम नहीं था। उसको लेकर वहां के भाजपा जिला महामंत्री राकेश पांडे ने कोतवाली पुलिस में शिकायत दी। जिस पर पुलिस ने बिना जांच के पत्रकारों पर प्रकरण दर्ज कर लिया। आवेदक पत्रकारों का कहना है कि उक्त पूरी कार्रवाई पुलिस ने राजनीतिक दवाब में की है, क्योकि जिन लोगों ने शिकायत की है, वह सत्तारूढ़ दल से जुड़े हुए और आरोप है कि उनकी अनियमित्ताओं जब तब खबरे प्रकाशित होती है।उसी दुर्भावना से ग्रसित होकर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया गया है और पुलिस ने भी बिना जांच किये प्रकरण दर्ज कर लिया।
भाजपा जिलाध्यक्ष और महामंत्री भी तलब
गृह मंत्रालय के स्पष्ट आदेश है कि पत्रकारों के खिलाफ किसी शिकायत पर बिना जांच के प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता है। इसके लिये डीआईजी स्तर के अधिकारी की अनुमति आवश्यक है। आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने सारे नियमों के खिलाफ राजनीतिक दवाब में उक्त कार्रवाई की है। मामले में डीजीपी, एसपी शहडोल, व भाजपा महामंत्री राकेश पांडे, इंद्रजीत सिंह छाबड़ा भाजपा कोतवाली पुलिस को पक्षकार बनाया गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने केस डायरी तलब करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राजेश चंद्र, अंजना कुररिया ने पक्ष रखा।