ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण

नाबार्ड का स्थापना दिवस समारोह

रायपुर, प्रदेश के कृषि विकास एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में नाबार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री चौबे आज राजधानी रायपुर में नाबार्ड के 38वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांवों और किसानों की समृद्धि से ही हमारा राज्य खुशहाल एवं समृद्ध बनेगा। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री चौबे ने जल ग्रहण क्षेत्र विकास कार्यक्रम और कौशल विकास से समृद्धि पत्रिका का विमोचन किया तथा नाबार्ड के द्वारा संचालित वाटरशेड विकास निधि, किसान उत्पादक विकास संगठन, आदिवासी विकास निधि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए।
समारोह में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 2500 रूपए क्विंटल की दर से रिकार्ड धान खरीदी की गई है। अगले वर्ष 2500 रूपए की दर से धान खरीदी करने पर 20 से 25 लाख क्विंटल अतिरिक्त धान की खरीदी होने की संभावना है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि के लिए चलायी जा रही राज्य की महत्वाकांक्षी योजना में नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बाड़ी के विकास और संवर्धन की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि गौठान में गोबर गैस संयंत्र, लगाया जाएगा और इनके संचालन के लिए स्व-सहायता समूहों को दायित्व सौंपा जाएगा।
श्री चौबे ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में परम्परागत रूप से लोहारी, बढ़ाई, कुम्हार, बंसोड़ आदि कार्यों से जुड़े युवाओं को आजीविका के लिए बाजार उपलब्ध कराने को ध्यान में रखते हुए पौनी-पसारी योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को आगामी खरीफ सीजन में धान खरीदी, सुराजी गांव योजना तथा परम्परागत रूप से व्यवसाय करने वाले छोटे कारोबारियों को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य करने पर जोर दिया।
सहकारिता विभाग के सचिव रीता शाडिल्य ने कहा कि वर्ष 1982 में नाबार्ड की स्थापना कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। भारत के लाखों-लाख ग्रामीण क्षेत्रों तक सुगम पहुंचने के लिए सड़कों का निर्माण करवाने का लगातार प्रयास करने की अवश्यकता है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री सुरेश ने नाबार्ड के कार्यों एवं प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम को एस.बी.आई. के एस.एल.व्ही.सी. कनवेयर श्री आलोक सिन्हा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर पद्मश्री फूलबासन बाई, शमशेद बेगम एवं नाबार्ड, विभिन्न बैंकों के पदाधिकारी, एन.जी.ओ., स्व-सहायता समूह, सी.एस.आर. के प्रतिनिधि उपस्थित थे।