बिलासपुर-अभिनेता अखिलेश पांडे से डॉक्टर अरुण पटनायक कि जब बातचीत हुई तब अखिलेश ने उनसे उनके जीवन के बारे में पूछा तब उन्होंने बताया कि जब वह 2 महीने के थे तब उनके पिता जी का स्वर्गवास हो गया उसके पश्चात उनकी माता जी ने उन्हें पाला उन्होंने बताया कि कैसे उनका बचपना संघर्ष भरा रहा उनकी मां जिस स्कूल में वह पढ़ते थे उसी स्कूल में कार्यरत थी और बड़ी मुश्किल से उनका घर चल पाता था परंतु डॉक्टर अरुण पटनायक ने अपने दृढ़ निश्चय से इन सभी चीजों को हासिल किया जिसे वह चाहते थे उन्होंने स्कॉलरशिप लेकर न्यूजीलैंड से पढ़ाई की और लगातार वहां पढ़ते ही रहे और आज भी आई आई एम में वह पढ़ाई कर रहे हैं पढ़ाई के साथ साथ उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में भी काफी काम किए गरीब बच्चों को मानवीय मूल्यों की शिक्षा दी तथा लगातार वह गरीब बच्चों के पढ़ाई के लिए कुछ ना कुछ वह करते रहते हैं और उनकी इसी समाज सेवा की वजह से उन्हें छत्तीसगढ़ रत्न से नवाजा गया इसके अलावा छत्तीसगढ़ के वह एकमात्र ऐसी शख्सियत है जिसे विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष ने सम्मानित किया हो साथ ही उन्होंने बताया की पद्मश्री के लिए भी उनके नाम का मनोनयन भेजा गया है और वह लगातार ऐसे नेक कार्य करते रहते हैं उनका कहना है कि जितना संघर्ष उन्होंने अपने बचपन में देखा है वैसा संघर्ष वह किसी और बच्चे के जीवन में देखना नहीं चाहते इसलिए उनसे जितना बन सकता है उतना वह गरीब बच्चों के लिए करते रहते हैं जब अखिलेश ने उनसे उनके सम्मान के बारे में बात की तब उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सेवा करना है सम्मान अगर सरकार को लगता है देना चाहिए तो अच्छा है परंतु उनका उद्देश्य सेवा भाव है अखिलेश ने बताया की ऐसे पुरुष जिनकी भावना इतनी पवित्र है वह अवश्य ही पद्मश्री पाने के योग्य है और ऐसे लोगों को ही यह सम्मान मिलना चाहिए