राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने की छत्तीसगढ़ की तारीफ,

आयोग में छत्तीसगढ़ के कम मामले बताते हैं यहां महिलाओं की बेहतर स्थिति
महिलाओं की स्थिति जानने रायपुर सखी सेंटर,
आंगनबाड़ी और महिला हेल्पलाइन का किया अवलोकन
सखी सेंटर में पीड़ित महिला की शिकायत सुनकर प्रकरण में त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

रायपुर,राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती कमलेश गौतम ने कहा कि में छत्तीसगढ़ से महिलाओं के कम मामले आते हैं, इससे पता चलता है कि यहां महिलाओं की स्थिति बेहतर है और उनसे संबंधित मामलों का बेहतर तरीके से निराकरण किया जा रहा है। श्रीमती गौतम ने कहा कि महिलाओं के मामलों के अनुसार विषयवार जागरूकता शिविरों का आयोजन करें जिसमें आवश्यक रूप से सखी सेंटर और महिला हेल्पलाईन के टेलीफोन नंबरों की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपराधों के प्रति पहले से सचेत रहते हुए काम करना चाहिए। माता-पिता बच्चों से बढ़ती दूरी कम करें और पर्याप्त मॉनिटरिंग करें। अपराधों में कमी लाने के लिए बच्चों में अच्छे नैतिक संस्कार डालना जरूरी है।
श्रीमती कमलेश गौतम ने छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति, पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए लागू की गई व्यवस्थाओं और महिलाओं की बेहतरी के लिए किये जाने वाले कामों की जानकारी लेने आज रायपुर के जिला अस्पताल परिसर स्थित देश के पहले सखी सेंटर, मठपुरैना स्थित आंगनबाड़ी सेंटर और महिला हेल्प लाइन का अवलोकन किया। इस दौरान सखी सेंटर में काउंसलिंग के लिए पहुंची पीड़ित महिला की शिकायत पर उन्होंने पुलिस से तुरंत कार्यवाही करते हुए आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देशित किया।
श्रीमती गौतम ने सखी सेंटर में प्रकरण के पंजीयन से लेकर निपटारें तक पूरी प्रक्रिया को विस्तार से जाना और वर्ष वार लंबित और निराकृत प्रकरणों की जानकारी ली। उन्होंने सखी सेंटर में पीड़ित महिलाओं से उनकी समस्याओं और सेंटर में मिल रही सुविधाओं के संबंध में बातचीत की। महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर संचालक श्रीमती क्रिस्टीना लाल ने बताया कि रायपुर के सखी सेंटर में आने वाली महिलाओं की अधिक संख्या को देखते हुए रायपुर में दो सखी सेंटर की आवश्कता है। सखी की केन्द्र प्रभारी ने बताया कि सेंटर में हर महीने 100 से 150 प्रकरण आते हैं जिनमें घरेलू हिंसा के प्रकरण अधिक है। सेंटर में पुलिस, काउंसलर, चिकित्सा, विधिक सहायता और आश्रय देकर महिला की समस्या का पूरी तरह निराकरण का प्रयास किया जाता है। सेंटर से कई महिलाओं को बचाने, स्त्री धन दिलाने, समझौता कराने और जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने में मदद की है। सेंटर के शुभारंभ तिथि 16 जुलाई 2015 से 31 जुलाई 2019 तक कुल 3 हजार 521 प्रकरण दर्ज किये गए जिनमें से 2 हजार 417 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है,लंबित एक हजार 104 प्रकरणों में कार्यवाही की जा रहींे है। सेंटर में अब तक कुल एक हजार 103 महिलाओं को आश्रय दिया गया है।
श्रीमती गौतम ने मठपारा स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र का दौरा किया और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के साथ भोजन किया। उन्होंने राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के अवसर पर बच्चों को कृमिनाशक दवा ‘एल्बेंडाजॉल‘ खिलाया। उन्होंने महिलाओं और बच्चों से बात कर आंगनबाड़ी केन्द्र में दी जा रही सुविधाओं के बारे जानकारी ली और अनुशासन और स्वच्छता के लिए जरूरी सुझाव दिए। उन्होंने यहां राज्य सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों की पोषण सुरक्षा के लिए संचालित योजनाओं और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे रेडी टू ईट की जानकारी ली। श्रीमती गौतम को अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य है जहां आंगनबाड़ियों के बच्चों के लिए 52 सप्ताह का पाठ्यक्रम तैयार कर नर्सरी स्कूल की सुविधा दी जा रही है।
श्रीमती गौतम ने शैलेन्द्र नगर स्थित महिला हेल्प लाईन 181 सेंटर का अवलोकन कर पूरी कार्यप्रणाली की जानकारी ली। यहां की संचालक ने बताया कि यह हेल्प लाइन सेंटर चौबीसों घण्टे महिलाओं की मदद करता है,यहां महिलाओं को प्रकरण के दर्ज कराने से लेकर विधिक सहायता तक पूरी मदद की जाती है। इसकी शुरूआत 25 जून 2016 से हुई थी, तब से अब तक यहां प्रतिदिन औसतन 10 प्रकरण दर्ज होते है। यहां पूरे प्रदेश से विभन्न मामलों के प्रतिदिन 250 से 300 कॉल आते हैं। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।