मथुरा के इस गांव में करवा चौथ के दिन महिलाएं नहीं रखतीं व्रत

अनुजा जायसवाल, मथुरा
करवा चौथ के दिन हर महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है लेकिन यूपी में मथुरा के विजऊ गांव की महिलाएं इस दिन अपने पतियों के लिए व्रत रखने से बचती हैं। उनका ऐसा मानना है कि अगर वे करवा चौथ की परंपराएं मानेंगी तो उनके पतियों की आयु कम हो जाएगी। इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क तो नहीं है लेकिन एक ऐसी कहानी है जिसकी वजह से यह मिथक विजऊ गांव की महिलाओं के लिए एक परंपरा बन चुकी है।

गांव के लोगों ने बताया कि करीब 200 साल पहले करवा चौथ के दिन एक ब्राह्मण की पीट-पीट कर हत्या करने पर पूरे इलाके को उसकी पत्नी ने श्राप दिया था। स्थानीय निवासियों के अनुसार, राम नगला गांव का एक ब्राह्मण अपनी दुलहन के साथ करवा चौथ के दिन यहां से गुजर रहा था। उसे रास्ते में कुछ लोगों ने रोक लिया और बैलों की चोरी के शक में उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।

सती मंदिर में मांगती हैं पति की लंबी उम्र की दुआ
ग्राम प्रधान मुरारी लाल बताते हैं कि पति की हत्या के बाद उसकी विधवा ने गांव के लोगों को श्राप दिया था और फिर पति की चिता में सती प्रथा के तहत खुद जलकर भस्म हो गई थी। गांव के प्रधान ने बताया कि गांव की महिलाएं सदियों पुरानी इस परंपरा को आज भी मानती आ रही हैं। व्रत न रखकर महिलाएं करवा चौथ के दिन यहां सती मंदिर में जाकर पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इसके अलावा गांव का प्रत्येक पुरुष शादी से पहले सती माता से आशीर्वाद भी लेता है।

पुरुषों की असामयिक मौत से बढ़ता गया डर
ठाकुर परिवार की एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्होंने कभी करवा चौथ का व्रत नहीं रखा। 96 साल की सुनहरी देवी ने बताया, ‘हम पति और ससुराल से मिले सिंदूर का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि खुद से सिंदूर खरीदकर लगाते हैं।’ इसी गांव की एक दूसरी महिला बबीता ने बताया, ‘चूंकि एक विधवा ने श्राप दिया था इसलिए कोई भी ठाकुर परिवार का सदस्य इस दिन व्रत रखने की कोशिश भी नहीं करता है।’

गांव के कुछ पुरुषों की असामयिक मौत से यह विश्वास और भी ज्यादा मजबूत हो गया। बबीता ने बताया, ‘हमने व्रत रखने के बाद लोगों को मरते देखा है इसलिए कोई भी व्रत रखने की हिम्मत नहीं करता।’

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