उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान शुरू करने की तैयारी है। इसमें रक्षा मंत्रालय की संपदा की 160 एकड़ जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। करीब एक हजार मकान, होटेल, पेट्रोल पंप और निजी अस्पताल इसकी जद में आएंगे। रक्षा संपदा, और विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने नए सिरे से सर्वे शुरू कर दिया है।
दरअसल, वाराणसी शहर के बीचोंबीच करीब 160 एकड़ जमीन रक्षा मंत्रालय की है। कैंट रेलवे स्टेशन के सामने से लगाकर मलदहिया चौराहे और उसके आगे एक किलोमीटर तक के इलाके में फैली भारत सरकार के मालिकाना हक वाली जमीन शताब्दी पूर्व देखभाल के लिए नगर निगम को प्रबंधक यानी केयरटेकर के रूप में दी गई थी। समय बीतने के साथ नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों का खेल शुरू हुआ तो औने-पौने में जमीन के टुकड़े पट्टे के नाम पर दे दिए गए और इसके बाद तो लोग सरकारी विभागों की आंख में धूल झोंककर जमीन के खुद मालिक बन गए। जबकि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश में पूरी जमीन का एकमेव मालिक रक्षा मंत्रालय को बताया गया है।
कब्जा करने वालों की बन रही है लिस्ट, मचा हड़कंप
रक्षा संपदा की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने वालों को चिह्नित कर सूची बनाए जाने का काम शुरू होने से स्वयंभू मालिकों में हड़कंप मचा है। रक्षा संपदा, नगर निगम और विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने नए निर्माण को रोक दिया है। सर्वे टीम में शामिल अधिकारी साफ तौर पर कुछ कहने से बच रहे हैं। दबी जुबान में उनका कहना है अवैध निर्माण गिराने के लिए जल्द जिला प्रशासन के सहयोग से अभियान चलाया जाएगा। बताते चलें कि इस मामले को लेकर पिछले दिनों एक प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री से मुलाकात करके पुराने निर्माण को नियोजित करने की मांग की लेकिन अब तक इस दिशा में कुछ हुआ नहीं है।
सशर्त दिया जा रहा यलो कार्ड
रक्षा संपदा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया है कि इस जमीन को बेचने और खरीदने का अधिकार किसी को नहीं है। पट्टे के नवीनीकरण का अधिकार भी नगर निगम और कलेक्टर (डीएम) के हाथों से छिन गया है। ऐसे में जमीन पर हजार के लगभग आशियाने, दर्जनों होटल, अस्पताल और कमर्शिल कॉम्प्लेक्स खड़ा करने वालों को अब नगर निगम की ओर से जारी किया जाने वाला यलो कार्ड सशर्त दिया जा रहा है। लिखित आदेश के जरिए यह स्पष्ट किया जा रहा है कि जमीन रक्षा संपदा है। ऐसे में जब भी रक्षा मंत्रालय चाहेगा, तब कब्जा ले सकेगा।
Source: Uttarpradesh Feed By RSS