श्रीलंका के नए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को देश का नया पीएम नामित किया। दरअसल, यह फैसला रानिल विक्रमसिंघे के पद से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद लिया गया है। यह श्रीलंका के इतिहास में पहली बार है जब एक भाई पीएम और दूसरा राष्ट्रपति होगा। उल्लेखनीय है कि महिंदा राजपक्षे पहले राष्ट्रपति रहे हैं और 2005 से 2015 तक उनके कार्यकाल के दौरान गोटबाया देश के रक्षा सचिव रहे हैं। उनके कार्यकाल में ही प्रभाकरण के नेतृत्व वाले एलटीटीए के खिलाफ लड़ाई तेज की गई थी और उसका सफाया किया गया था।
2018 में भी पीएम बने थे महिंदा
विक्रमसिंघे गुरुवार को औपचारिक रूप से पद से हट जाएंगे जिसके बाद महिंदा पद की शपथ लेंगे। उल्लेखनीय है कि महिंदा को 26 अक्टूबर, 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने पीएम नियुक्त किया था, जिन्होंने एक विवादित कदम उठाते हुए विक्रमसिंघे को पद से हटा दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में सिरिसेना के फैसले को अवैध करार दिया गया था। महिंदा की बात करें तो उन्होंने 2005 में सत्ता हासिल की थी और इस दक्षिण एशियाई देश के सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे थे। वह 1970 में देश के सबसे कम आयु के सांसद चुने गए थे, तब उनकी उम्र महज 24 साल थी।
विक्रमसिंघे कल छोड़ेंगे पद
बुधवार दोपहर पीएम विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफे की घोषणा की। बता दें कि विक्रमसिंघे की पार्टी के नेता को राष्ट्रपति चुनाव में हार मिली है। गोटाबाया ने विक्रमिसंघे के डेप्युटी सजित प्रेमदासा को राष्ट्रपति चुनाव में हराया। विक्रमिसंघे ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति गोटबाया से मंगलवार को मुलाकात की और श्रीलंका की संसद के भविष्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि संसद में उनकी सरकार को अभी भी बहुमत हासिल है और उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को मिले जनादेश को देखते हुए पद छोड़ने का फैसला किया है।
हार से बढ़ा विक्रमसिंघे पर दबाव
विक्रमसिंघे ने कहा, ‘मैं पद छोड़ूंगा ताकि नए राष्ट्रपति नई सरकार बना सकें। मैं कल उन्हें आधिकारिक रूप से अपने फैसले की सूचना दूंगा।’ विक्रमसिंघे 1994 से यूएनपी के नेता रहे हैं और तीन बार श्रीलंका के पीएम रहे हैं। प्रेमदासा की हार के बाद उनपर दबाव था। पार्टी के युवा नेता और मंत्री हरीन फर्नेंडो ने पत्रकारों से कहा कि वे चाहते हैं कि विक्रमसिंघे पार्टी नेतृत्व छोड़ें और प्रेमदासा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करें। बता दें कि महिंदा राजपक्षे की सरकार चलाने के लिए 15 सदस्यीय केयर टेकर कैबिनेट काम करेगी क्योंकि फरवरी में संवैधानिक रूप से संसद को भंग किया जाएगा।
Source: International