श्रीलंका की राजनीति में आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया, जब छोटे भाई ने बड़े भाई को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह नजारा था प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का, जब राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को देश के नए पीएम के रूप में शपथ दिलाई। महिंदा अगस्त 2020 में प्रस्तावित आम चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल के प्रधानमंत्री के रूप में कामकाज देखेंगे।
गोटबाया के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तीन दिन बाद महिंदा ने राष्ट्रपति सचिवालय में नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और अन्य नेता मौजूद थे।
10 साल तक राष्ट्रपति रह चुके हैं महिंदा
प्रधानमंत्री के रूप में महिंदा का यह दूसरा कार्यकाल है। महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। वर्ष 2018 में वह कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री भी रहे थे। इससे पहले, महिंदा को 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। देश के सुप्रीम कोर्ट के दो महत्वपूर्ण आदेशों के बाद महिंदा ने 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
LTTE के खिलाफ लड़ी थी निर्णायक लड़ाई
इससे पहले सुबह विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति गोटबाया को औपचारिक रूप से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव में सजीत प्रेमदास की हार के बाद बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। राष्ट्रपति चुनाव में गोटबाया विजयी रहे थे। गौरतलब है कि दोनों भाइयों-गोटबाया और महिंदा ने प्रभाकरण के नेतृत्व वाले एलटीटीई के साथ तीन दशक से जारी गृहयुद्ध का खात्मा करने में निर्णायक भूमिका निभाई थी। उस वक्त महिंदा देश के राष्ट्रपति और गोटबाया रक्षा सचिव थे।
भारत के साथ काम जारी रखेंगे
पीएम पद की शपथ लेने के बाद महिंदा राजपक्षे ने बधाई संदेश के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए निकटता के साथ काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने एक ट्वीट किया, ‘धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। आइये हम दोनों देशों और क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए हमारी साझा भागीदारी को बढ़ावा देना जारी रखें।’
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