नई दिल्ली : कल से महंगा हो जाएगा मोबाइल पर बात करना. मोबाइल ऑपरेटर कंपनी एयरटेल, वोडाफोन और जियो ने अपने कॉल के दाम बढ़ा दिए है. कंपनी ने ऐसा वित्तीय संकट से उबरने के लिए लिया है. इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है की भारी कर्ज में डूबी कंपनियों के पास दरें बढ़ाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था और हाल ही में समायोजित सकल आय (एजीआर) पर सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पर वित्तीय दबाव बढ़ा है।
विशेषज्ञों के अनुसार जियो के आने के बाद दूरसंचार बाजार में प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ी। इससे कॉल की दरें तेजी से गिरी। वहीं, कंपनियों के लिए डेटा की कीमतें लगातार ऊंची बनी रही। इससे भारत डेटा के मामले में दुनिया का सबसे सस्ता देश बन गया। लेकिन, कंपनियों को नुकसान बढ़ता चला गया। इतना ही नहीं जिओ के आने के बाद सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल पर भी वित्तीय संकट गहरा गया. आलम यह हो गया है की आज इसके सैकड़ो कर्मचारी वीआरएस लेने और सैकड़ो को वीआरएस देने का सरकार फैसला लेने की सोच रही है.
रिलायंस जिओ के आने के बाद से देश की मोबाइल कंपनिया गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है. वित्तीय वर्ष 2008-10 में देश में 13 दूरसंचार कंपनियां अपनी सेवा दे रही थी, जिनकी संख्या अब घटकर मात्र चार पर आ गई है। जियो के आने से बाजार से आरकॉम, टाटा इंडिकॉम, एयरसेल, डाटाकॉम (वीडियोकॉन), लूप मोबाइल (पूर्व बीपीएल), युनिटेक वायरलेस, स्वान टेलिकॉम, वर्जिन मोबाइल इंडिया जैसी कंपनियां बाजार से बाहर हो गई।