लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी को मंजूरी दे दी है। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों और आशंकाओं का चुन-चुनकर जवाब दिया और पूछा कि एसपीजी सुरक्षा की ही जिद क्यों। उन्होंने कहा कि एसपीजी का इस्तेमाल स्टेटस सिंबल के लिए नहीं हो सकता। शाह ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गई है। इस दौरान उन्होंने केरल में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या को लेकर लेफ्ट पर भी तगड़ा हमला बोला। कांग्रेस सदस्यों के वॉकआउट के बीच मंगलवार को यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया।
‘बिल गांधी परिवार को ध्यान में रखकर लाने का आरोप गलत’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘बिल पढ़ने के बाद भी सदस्यों में कुछ भ्रांति है, जनता में भी है, मीडिया में भी है। कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल को एक परिवार को ध्यान में रखकर लाया गया है। गांधी परिवार के 3 सदस्यों को ध्यान में रखकर लाया गया है। ऐसा नहीं है। इस बिल और गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा के बीच कोई संबंध नहीं है।’
‘पहले के चारों बदलाव एक परिवार को ध्यान में रखकर हुए’
गांधी परिवार पर स्टेटस सिंबल के लिए एसपीजी सुरक्षा रखने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा, ‘एसपीजी ऐक्ट में 4 बार परिवर्तन हुआ। यह पांचवां है। 5वां परिवर्तन किसी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है। उससे पहले ही समीक्षा करके उन्हें सीआरपीएफ जेड प्लस सुरक्षा दी गई जो एएसएल और ऐंबुलेंस के साथ है। यह 24 घंटे है। यह देश में किसी व्यक्ति को दी गई सर्वोच्च सुरक्षा है। असल में पिछले चारों परिवर्तन एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे।’
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‘सुरक्षा स्टेटस सिंबल नहीं, SPG की ही जिद क्यों?’
अमित शाह ने कहा, ‘सुरक्षा कभी स्टेटस सिंबल नहीं हो सकता है। एसपीजी ही क्यों? हो सकता है कि देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा किसी आम आदमी को खतरा हो। राम मंदिर आंदोलन के वक्त अशोक सिंघल को तत्कालीन प्रधानमंत्री से भी ज्यादा खतरा था लेकिन उन्हें एसपीजी नहीं मिली। एसपीजी प्रधानमंत्री के लिए बनी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब कोई प्रधानमंत्री नहीं रहता है तो बाद में भी उसे एसपीजी सुरक्षा मिलेगी, ऐसा नहीं चलता। नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं, उन्हें ही एसपीजी सुरक्षा मिलेगी। जहां तक खतरे की बात है तो गांधी परिवार ही क्यों, गांधी परिवार समेत 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, राज्य सरकार की है। लेकिन हमें तो सिर्फ एसपीजी चाहिए, यह जिद समझ में नहीं आती।’
‘गांधी परिवार की सुरक्षा में वही जवान जो कभी SPG में थे’
गृह मंत्री ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा में जो जवान तैनात हैं वे कभी एसपीजी में भी रह चुके हैं, इसलिए सुरक्षा से समझौता के आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा, ‘एसपीजी में 33 प्रतिशत बीएसएफ से, 33 से 34 प्रतिशत सीआरपीएफ से, 17 प्रतिशत सीआईएसएफ से, आईटीबीपी से 9 प्रतिशत और अन्य राज्यों की पुलिस से 1 प्रतिशत जवान हैं। 5 साल बाद इन्हें इनके संगठन में वापस भेज दिया जाता है। गांधी परिवार के तीनों सदस्यों की सुरक्षा में वहीं लोग लगाए गए हैं जो कभी एसपीजी में रह चुके हैं। एसपीजी कवर सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए है और उनके लिए ही होना चाहिए।’
राजनीतिक बदले के आरोपों को किया खारिज
अमित शाह ने कहा, ‘कहा जा रहा है कि राजनीतिक बदले के लिए यह ऐक्ट लाया जा रहा है। यह गलत है। इससे अगर किसी को नुकसान होगा तो नरेंद्र मोदी को होगा। जब वह प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तो उन्हें एसपीजी सुरक्षा नहीं मिलेगी, अनंतकाल तक नहीं मिलेगी।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के सदस्य बहुत ज्यादा इमोशनल हो गए कि सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस देश में सिर्फ गांधी परिवार की सुरक्षा नहीं हो सकती।’
‘गांधी परिवार को वह सुरक्षा जो राष्ट्रपति, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के पास’
गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘हम परिवार का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि परिवारवाद का कर रहे हैं। परिवारवाद भी एक अव्यवस्था है और हम इसका पुरजोर विरोध करते रहे हैं।’ इस दौरान कुछ कांग्रेस सदस्यों ने टोका कि गांधी परिवार के 2 सदस्यों की शहादत हुई थी। शाह ने कहा, ‘सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गई है। उन्हें वह सुरक्षा दी गई है जो रक्षा मंत्री के पास है, गृह मंत्री के पास है, राष्ट्रपति के पास है। देश की सबसे बड़ी नागरिक सुरक्षा उन्हें दी गई है। जेड प्लस, विद एएसएल और विद ऐंबुलेंस।’ उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की हत्या के मामले में आयोग की रिपोर्ट ने यह कहा था कि पर्याप्त सुरक्षा दिए बगैर एसपीजी सुरक्षा हटाई गई थी इसलिए उनकी सुरक्षा से समझौता हुआ। हम ऐसा नहीं कर रहे हैं।
केरल में राजनीतिक हत्याओं पर शाह के हमले से लेफ्ट का हंगामा
इस दौरान अमित शाह ने केरल में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्याओं के बहाने लेफ्ट पर भी तीखा हमला बोला। इस पर लेफ्ट के सांसद अपनी सीटों पर होकर विरोध जताने लगे। शाह ने कहा, ‘राजनीतिक बदले की भावना के तहत केरल में बीजेपी, आरएसएस के 120 कार्यकर्ता मार दिए, सीपीएम को तो पोलिटिकल वेंडेटा की बात करने का तो हक ही नहीं है।’ इस पर लेफ्ट के सदस्य विरोध जताने लगे और किसी सदस्य ने यह कहा कि केरल में कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता भी मारे गए। इस पर शाह ने कहा कि केरल में सरकार चाहे लेफ्ट की हो या कांग्रेस की, बीजेपी और संघ कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती हैं। शाह ने कहा, ‘हो सकता है कि मेरी बात किसी को कटु लगे लेकिन यह सच है। कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता भी मारे गए लेकिन हम शासन में नहीं हैं। केरल में कांग्रेस का शासन को चाहे लेफ्ट का, लेकिन मारे जाते हैं बीजेपी के कार्यकर्ता।’
Source: National