इस्लामाबाद। ‘तालिबान के गॉड फादर’ के तौर पर प्रसिद्ध मौलाना समीउल हक (83) की रावलपिंडी में छुरा घोंपकर हत्या कर दी गई। परिजनों के मुताबिक वारदात को उस समय अंजाम दिया गया जब वह अपने कमरे में आराम कर रहे थे।
बता दें कि समीउल खैबर पख्तूनखवा के अखोरा कटक इलाके में स्थित दारूल उलूम हक्कानिया के सर्वेसर्वा भी थे। पिछले महीने ही अफगानिस्तान के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां उनसे मुलाकात करके अफगानिस्तान विवाद खत्म करने की पहल करने को कहा था।
मौत की पुष्टि करते हुए उनके पुत्र और कद्दावर धार्मिक नेता मौलाना हमीदुल हक ने बताया कि लगभग 15 मिनट के लिए उनका ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी बाहर गए थे।
जब उनका ड्राइवर लौटकर आया तो उसने मौलाना समीउल हक को खून से लथपथ बिस्तर पर पड़े देखा। उन्हें कई बार चाकू मारा गया था। समीउल मार्च 1991 से लेकर मार्च 1994 तक पाकिस्तानी संसद के सदस्य भी रहे थे।
उन्होंने इस्लामी जम्हूरी इत्तेहाद के टिकट पर चुनाव जीता था। उनके बेटे हमीदुल ने बताया कि 25 जुलाई को हुए संसदीय चुनाव के बाद उनका झुकाव क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ की तरफ हो गया था।
यही वजह थी कि वह ईश निंदा की आरोपी आसिया बीबी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा करने के फैसले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा नहीं ले रहे थे।