भोपाल : वन विभाग और सिवनी पुलिस ने सघन चेकिंग के दौरान केवल अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में पाये जाने वाले संकटापन्न सुलकाटा प्रजाति के 6 कछुओं को जब्त किया है। आरोपी इन कछुओं को कोलकाता के रास्ते से लाकर मुम्बई ले जा रहे थे। ये कछुए आकार में दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कछुए हैं। पूर्णत: शाकाहारी एक वयस्क कछुए का वजन 105 किलो तक होता है। जब्त कछुओं को सुरक्षा की दृष्टि से वन विहार में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि वन विभाग की राज्य-स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स की कई प्रदेशों में कछुआ तस्करी से संबंधित महत्वपूर्ण सफलताओं को देखते हुए यह प्रकरण भी सौंपा गया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि सुलकाटा कछुए सहारा रेगिस्तान की इन्डेमिक प्रजाति है, जो पूरी दुनिया में प्राकृतिक रूप से केवल सहारा रेगिस्तान में ही पाई जाती है। अफ्रीका के देश चाड, सुडान, बुर्किनाफासो, नाइजीरिया, सेनिगल, इथोपिया आदि देशों में मिलने वाले इन कछुओं की तस्करी अफ्रीका से बांग्लादेश के रास्ते भारत तक अवैध रूप से की जाती है। संकटापन्न होने के कारण इसका व्यापार सीआईटीएस नियमों के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।
उक्त तकनीकी पहलुओं के मद्देनजर केन्द्रीय डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस को सूचित करते हुए प्रकरण हस्तांतरित कर दिया गया है। डीआरआई ने कस्टम एक्ट-1962 के प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।