रायपुर, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के पेनेलिस्ट एवं प्रदेश सचिव विकास तिवारी में आज कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से मुलाकात कर पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय कृषि विभाग में हुए भ्रष्टाचार एवं धांधलियो की लिखित शिकायत कर जांच की मांग एवं दोषियों को बेनकाब कर कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की मांग की है।
विकास तिवारी ने दस्तावेज के माध्यम से बताया है कि रमन सरकार के कृषि विभाग के द्वारा आर.के.बी.वाय. योजना में हाइब्रिड मक्का बीज मिनी किट जो कि वर्ष 2018 में इसके लिए खरीदी की गई थी उसमें जमकर धांधली हुई है जिसके कारण सरकारी खजाने को करोड़ो-अरबो रुपयों का चूना लगाने का काम रमन सरकार के कृषि विभाग द्वारा किया गया था। हाइब्रिड मक्का बीज की वैरायटी NMH-803 को छत्तीसगढ़ राज्य बीज निगम के माध्यम से 176 रू. प्रति किलोग्राम की दर से कृषि विभाग द्वारा खरीदा गया जबकि राष्ट्रीय बीज निगम में मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में यही वैरायटी 142.50 रू. प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध था। कंपनी मेसर्स नूजीवीडु सीड्स द्वारा बीज निगम को सबसे महंगे दरो पर बीज बेचकर प्राइज फॉल क्लॉज का भी उलंघन किया गया है जबकि किसी भी कंपनी के साथ बीज निगम रेट कॉन्ट्रैक्ट इसी आधार पर करता है कि बीज निगम की दर से कम दर पर कंपनी किसी भी संस्था को बीज नहीं बेचेगी इस बाबत कंपनी से शपथ पत्र रेट कॉन्ट्रैक्ट के पूर्व ही ले लिया जाता है बावजूद सभी नियम शर्तों को ताक में रखकर भाजपा सरकार द्वारा महंगी दर पर हाइब्रिड मक्का के बीज की खरीदी की गई जिससे की सरकारी कोष को चूना लगाने का काम किया गया।
विकास तिवारी ने बताया कि इसी प्रकार तत्कालीन रमन सरकार के समय कृषि विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में वर्मी कंपोस्ट बेड की क्रय प्रक्रिया में भी जमकर धांधली की गई कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि योजना के अंतर्गत HDPE वर्मी कंपोस्ट बेड आरसीसी वर्मी टांका यूनिट स्थापना हेतु खरीदी कर प्रदेश के जिलों द्वारा जारी किए गए क्रिया देशों द्वारा जिला स्तर पर की गई थी जिनमें कृषि विभाग एवं कंपनी के बिचौलियों द्वारा बीज निगम के माध्यम से जमकर भ्रष्टाचार किया गया था जिलों के द्वारा खरीदी एक ही कंपनी से की गई थी जो इस ओर विशेष इशारा करता है कि कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए समस्त नियमों का अनदेखा करते हुए खरीदी की गई है जबकि प्रदेश में कई कंपनियां बीज निगम के माध्यम से कार्य कर रही है तत्कालीन समय इनमें से किसी को भी जिलों में कार्य नहीं करने दिया गया योजना के वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य जारी होने की दिनांक 14 सितंबर 2018 के तुरंत बाद ही हड़बड़ी में बिना नियम प्रक्रिया पूरी किए दबाव में सभी जिलों द्वारा आदेश जारी कर दिया गया एवं के उपरांत ब्लॉक स्तर पर भंडारण किया गया जो कि आज दिनांक तक बिना उपयोग के ब्लॉक में ही क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ा हुआ है।विकास तिवारी ने पत्र लिखकर कृषिमंत्री रविंद्र चौबे मांग की है कि शासन को वित्तीय नुकसान पहुँचकर निजी कंपनीयो को फायदा पहुँचाया उक्त बीज वैरायटी की जांच कर भुगतान प्रक्रिया पर रोक लगाकर तत्काल कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए एवं जिला कलेक्टरों की निगरानी में लाभार्थी किसान एवं HDPE वर्मी बेड की क्रय एवं वितरण का भौतिक सत्यापन भी करवाया जाना चाहिए एवं तुरंत प्रभाव से अनुदान भुगतान पर रोक लगाया जाना चाहिए जिससे कि जनहित में सरकारी राशि का उपयोग सही है यह सुनिश्चित किया जाए एवं दोषियों पर कड़ी से कड़ी दंडात्मक कार्यवाही भी होनी चाहिये।इन मांगों पर प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने गंभीरता से संज्ञान लेते जांच कराने की बात कही है।