शहडोल (मो.शब्बीर बयूरो चीफ शहडोल)- जिले के गोहपारू जनपद के ग्राम करकट निवासी 45 वर्षीय श्री बुटई बैगा विगत 5 वर्षाे से दोनो पैरो से दिव्यांग हो जाने के कारण रोगमर्रा के काम चलने फिरने आदि में घर के सदस्यों का सहारा लेकर अपनी दिनचर्या का कार्य करता था। बुटई बैगा की मदद हेतु परिवार के किसी न किसी सदस्य को लगे रहना पड़ता था। जिससे वे अन्य कार्य नही पाते थे। बुटई बैगा के पास आवास के अलावा अन्य कोई जीवकोपर्जन के साधन में नही थे। किसी तरह पत्नी मेहनत, मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करती थी। बुटई ब
बैगा को जब यह पता चला कि शासन द्वारा दिव्यांगो को निःषुल्क ट्राईसायकल दिलाई जाती है तो वह ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत में सम्पर्क स्थापित किया, परन्तु वहाॅ ट्राई सायकल की उपलब्धता नही होने के कारण वह जिले के कलेक्टर डाॅ0 सतेन्द्र सिंह से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई। संवेदनषील कलेक्टर डाॅ0 सतेन्द्र सिंह ने दिव्यांग बुटई बैगा व्यथा सुनकर तत्काल पंचायत एवं सामाजिक न्याय के अधिकारी को ट्राईसाइकिल सहित तलब किया और दोनो पैरो से दिव्यांग बुटई बैगा को मौके पर ही ट्राईसायकल उपलब्ध करायी।
कलेक्टर डाॅ0 सतेन्द्र सिंह के हाथो नई ट्राईसायकल बुटई बैगा की खुषियों का ठिकाना नही रहा और उन्होने जिले के कलेक्टर को तहेदिल से कृत्यज्ञता जाहिर करते हुए धन्यवदा दिया और कहा कि अब हमारे जीवन की राह आसान हो गई है और हम अपने दैनिक दिनचर्या की गतिविधियों के दूसरो का सहारा नही लेना पडे़गा।