मुख्यमंत्री ने अटल जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता ‘भारत रत्न’ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने स्वर्गीय श्री वाजपेयी को विनम्र श्रद्धांजलि दी है कहा है – ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति और देशवासियों को धैर्य रखने की शक्ति दे। उन्होंने कहा – अटल जी को मैं किन शब्दों में बिदा करूं, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा। वे मेरे गुरू और पिता तुल्य थे। उनके निधन से 125 करोड़ भारतीयों की तरह मैं भी बहुत स्तब्ध और विचलित हूं।
डॉ. रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर में जारी शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के महान नेताओं में से थे। उनके निधन से देश की राजनीति के एक चमकदार सितारे का अंत हो गया। वह भारतीय समाज के सभी वर्गों में, सभी नागरिकों में और सभी राजनीतिक दलों के बीच समान रूप से सम्मानित अत्यंत लोकप्रिय राजनेता थे। उन्होंने अपने लगभग 50 वर्षांे के संसदीय जीवन में अपनी विलक्षण प्रतिभा से पक्ष और विपक्ष दोनों में समान रूप से अपार लोकप्रियता हासिल की। तीन बार वर्ष 1996, वर्ष 1998 और वर्ष 1999 में प्रधानमंत्री के रूप देश को अपना कुशल नेतृत्व दिया। डॉ. रमन सिंह ने कहा – अटल जी का सौम्य और मिलनसार व्यक्तित्व हम सबको हमेशा याद रहेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा-छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ से ज्यादा जनता उन्हें राज्य निर्माता के रूप में हमेशा याद रखेगी। मुख्यमंत्री ने कहा-श्री वाजपेयी ने 1998 में रायपुर की एक विशाल जनसभा में छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का वादा किया था। उन्होंने वर्ष 2000 में अपने इस वादे को पूरा कर छत्तीसगढ़ की जनता का दिल जीत लिया। यह श्री वाजपेयी का बड़प्पन था और उनके विराट व्यक्तित्व की विनम्रता थी कि जब नवम्बर 2004 में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हम लोगों ने उन्हें राज्योत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में रायपुर आमंत्रित किया था, तब उन्होंने यहां जनता को सम्बोधित करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माता मैं नहीं बल्कि आप सब अर्थात इस प्रदेश की ढाई करोड़ जनता है। डॉ. सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ प्रदेश की जनता के साथ श्री वाजपेयी का गहरा भावनात्मक जुड़ाव रहा। उनके साथ प्रदेशवासियों की अनेक यादें जुड़ी हुई हैं। वह कई बार राज्य के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। अटल जी के हाथों जनवरी 2002 में बिलासपुर जिले के सीपत में 1980 मेगावाट क्षमता के विशाल सुपर थर्मल बिजली घर की बुनियाद रखी गई। अटल जी ने 16 अप्रैल 2005 को रायपुर में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का शुभारंभ किया था और उसी दिन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। श्री वाजपेयी ने उस दिन रायपुर में आयोजित पंचायत राज सम्मेलन को भी सम्बोधित किया था और राजधानी के ऐतिहासिक बूढ़ातालाब में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 1977-78 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में हिन्दी में भाषण देकर भारत की राष्ट्र भाषा का सम्मान बढ़ाया था। वर्ष 1998 में पोखरन में उनके नेतृत्व में सफल परमाणु परीक्षण से भारत दुनिया के एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरा।
मुख्यमंत्री ने कहा -श्री वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और उत्तराखंड राज्यों का निर्माण करके देश के राजनीतिक इतिहास में एक नये युग का प्रवर्तन किया। डॉ. रमन सिंह ने स्वर्गीय श्री वाजपेयी के साथ अपने वर्षों पुराने आत्मीय संबंधों को भी याद किया। उन्होंने कहा- वर्ष 1999 से 2003 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मुझे भी केन्द्रीय मंत्री के रूप में उनके साथ काम करने का और बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला था। डॉ. रमन सिंह ने कहा-श्री वाजपेयी एक ओजस्वी वक्ता, संवेदनशील कवि और सिद्धांतवादी तथा सहृदय राजनेता थे। उनके देहावसान से देश के सामाजिक-साहित्यिक और राजनीतिक क्षेत्र में एक ऐसा खालीपन आ गया है, जिसकी पूर्ति असंभव है। प्रधानमंत्री के रूप में श्री वाजपेयी द्वारा देश के विकास और गांव, गरीब तथा किसानों की समाज की अंतिम पंक्ति लोगों की बेहतरी के लिए कि ये कार्यों को आज भी याद किया जाता है और हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. रमन सिंह ने कहा-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना श्री वाजपेयी की एक ऐसी देन है, जिससे देश के लाखों गांवों को बारहमासी पक्की सड़कों के साथ बेहतर आवागमन की सुविधा मिली है। सर्वशिक्षा अभियान और स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना भी स्वर्गीय श्री वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुई जिनका भरपूर लाभ देश को मिल रहा है।