मर्यादित भाषा के पक्षधर थे अटल जी – रिजवी

रायपुर/ दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न काबिले एहतेराम अटल बिहारी वाजपेयी जी के दुखद निधन पर अपनी खिराजेअकीदत पेश करते हुए जकांछ के मीडया प्रमुख एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि स्वर्गीय वाजपेयी जैसे विलक्षण प्रतिभा वाले राजनेता सदियों मे जन्म लेते है। उनका व्यक्तित्व सभी वर्ग, धर्म एवं समुदाय के राजनेताओं के लिए अनुकरणीय है। स्वर्गीय वाजपेयी धर्मनिरपेक्षता के अलमबरदार थे, तथा अपने भाषणों, बयानो एवं लेख या कविताओं में किसी भी वर्ग के दिल को ठेस पहुंचाने वाली बात कभी नही की। सभी धर्मों का सम्मान करना उनकी फितरत में शामिल था। खासबात यह है कि उन्होने मुस्लिम धर्म की टोपी पहनने से कभी इंकार नही किया तथा उनकी इच्छा का सदैव सम्मान किया। इसलिए मुस्लिम सहित हर समाज में अटल जी सम्माननीय रहे। उनकी सोच एवं जीवन चरित्र से न केवल भाजपाई वरन्् सभी राजनेताओं को राजनीति कैसे की जाती है, सीखना चाहिए, क्योकि वाजपेयी जी सियासत के सर्वमान्य नेता थें। उन्हे दल विशेष से जोड़कर देखना अटल जी के महान व्यक्तित्व के प्रति नाइन्साफी होगी।
रिजवी ने अटल जी के प्रति हद््य से व्यक्त उद््गार में कहा है कि वह प्रखर, बेबाक एवं दबंग रहनुमा थें। उन्होने किसी भी वर्ग एवं धर्म के मानने वालों एवं राजनैतिक दल के नेताओं के बारे में मर्यादित, संसदीय एवं शालीन शब्दों का ही सदैव प्रयोग किया। यह अटल जी की खासियत थी जिसे न केवल धर्मान्ध एवं बड़बोले नेताओं वरन्् सभी दल के नेताओं को अंगीकार करना चाहिए, जो देश के सौहार्द्र एवं अखंडता के लिए आज आवश्यक एवं प्रासंगिक है।