लखनऊ : उत्तर प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच बुआ भतीजे की जोड़ी एक बार फिर चर्चा में आ गई है . लोकसभा चुनाव में मिलकर लड़ने पर सपा और बसपा में सहमति बन गई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे को मंजूरी भी दे दी है.
सूत्रों ने बताया कि मायावती के दिल्ली के त्यागराज मार्ग पर स्थित घर पर अखिलेश के साथ बैठक हुई. बैठक के दौरान सपा और बसपा सुप्रीमो के बीच गठबंधन पर मुहर लगाने के साथ ही सीटों की संख्या को भी मंजूरी दे दी.
सूत्रों की माने तो सपा और बसपा 37-37 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेंगे. दो सीटें राष्ट्रीय लोकदल के लिए (संभावित रूप से अजीत सिंह और जयंत चौधरी) के लिए छोड़ी जाएगी. दो सीटें महागठबंधन के अन्य साथियों (संभावित रूप से ओमप्रकाश राजभर की पार्टी) के लिए छोड़ी जाएंगी. साथ ही अगर कांग्रेस साथ आती है तो उसे दो सीटें दी जाएंगी. इसके तहत राहुल गांधी के लिए अमेठी और सोनिया गांधी के लिए रायबरेली सीट छोड़ी जाएंगी. अन्य सीटों पर सपा और बसपा गठबंधन अपने उम्मीदवार उतारेंगे.
सूत्रों ने बताया कि अन्य साथियों के महागठबंधन में नहीं जुड़ने की स्थिति में 1-1 सीटें सपा और बसपा आपस में बांट लेंगी. कांग्रेस पार्टी को फिलहाल दो से ज्यादा सीटें देने से दोनों नेताओं ने इनकार कर दिया है.
माना जा रहा है कि सपा-बसपा के साथ रालोद का जुड़ना तय है. हालांकि कांग्रेस पर संशय बना हुआ है. जानकारी के अनुसार, कांग्रेस सीटें बढ़ाने की मांग कर रही है लेकिन दोनों दल इस पर राजी नहीं है. मायावती कांग्रेस को ज्यादा भाव नहीं दे रही हैं. मध्य प्रदेश में भी बसपा ने अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है.