सेक्सोफोन में सुना अरपा पैरी के धार मुख्यमंत्री ने ली सेक्सोफोनिस्ट के साथ सेल्फीं
रायपुर,भिलाई में कला मंदिर में आयोजित सेक्सोफोन की दुनिया में इस सुमधुर वाद्ययंत्र की धुनों को सुनने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी पहुंचे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सेक्सोफोन की दुनिया में शामिल होना अद्भुत अनुभव है। संगीत मन को शांत करता है। छत्तीसगढ़ संगीत में बहुत समृद्ध है। हमारे लोकगीतों की धुन अद्भुत हैं। संगीत हमारे जीवन में रचा बसा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रख्यात गायक किशोर कुमार को भी याद किया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजक राजकुमार सोनी खुद किशोर के गाने बहुत अच्छा गाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर की साधना की तरह ही संगीत की साधना है। हमारी अध्यात्मिक चेतना भी संगीत से जागृत होती है।
इस मौके पर विधायक श्री देवेंद्र यादव ने कहा कि संगीत का इतना सुंदर आयोजन अद्भुत है। ऐसा लग रहा है कि यह आयोजन देर तक चलता रहे। इस मौके पर जब गुजरे दौर के शानदार गीतकारों और संगीतकारों द्वारा सृजित किये गीतों और धुनों की प्रस्तुति सेक्सोफोनिस्ट ने दी तो लोग मंत्र मुग्ध हो गए। लोगों ने पूरी तन्मयता से उन्हें सुना और जब वे दर्शकों के बीच पहुंचे तो उन्हें वैसा ही प्यार मिला जैसे बड़े बॉलीवुड सितारों को मिलता है। लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली। गानों का चयन भी शानदार था। ऐसे गाने जो भारत में अनेकता में एकता की मिसाल पेश करते हैं। अलग-अलग सम्प्रदाय के लोगों द्वारा लिखे गानों पर जिन पर धुन भी अलग-अलग तरह के लोगों ने बनाई। सेक्सोफोन की दुनिया कार्यक्रम ने लोगों में उस दौर की याद ताजा करा दी जब शंकर जयकिशन और ओपी नैय्यर जैसे संगीतकार अपनी पूरी टीम और संगीतकारों के साथ अपने स्टूडियो में संगीत का शाहकार रचते थे।
इस मौके पर इंदिरा कला एवं संगीत विश्व विद्यालय के फाइन आर्ट्स के छात्रों ने श्रोताओं के स्केच भी बनाये। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव श्री सीके खेतान, आईजी श्री हिमांशु गुप्ता एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा अधिकारीगण एवं अन्य नागरिकगण मौजूद थे।
इन गीतों से रचा माहौल-
अरपा पैरी के धार और सुन-सुन मोर मया पीरा के जैसे छत्तीसगढ़ी गीतों को सेक्सोफोन पर सुनकर लोग अभिभूत हो गए। कार्यक्रम के संचालक श्री राजकुमार सोनी इन गीतों की तथा इनके धुनों की पृष्ठभूमि भी बता रहे थे। उन्होंने बताया कि अरपा पैरी के धार मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी के पिता श्री नरेन्द्र देव वर्मा ने लिखी है। सुन-सुन मोर मया पीरा की रचना हरि ठाकुर ने की। कार्यक्रम की शुरुआत कश्मीर की कली फिल्म के गीत ये दुनिया उसी की से हुई। फिर एक से बढ़कर एक सुन्दर गीतों की लड़ी श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की गई।